मन्दसौर : संयम और तप के माध्यम से ईश्वर प्राप्ति का मार्ग सरल हो जाता है-डॉ. कृष्णानंद गुरूदेव
मन्दसौर । भगवान की प्राप्ति का मार्ग यूं तो बहुत कठिन होता है लेकिन संयम और तप के माध्यम से भगवान की प्राप्ति का विचार किया जाए तो मार्ग सरल हो जाता है। धु्रव ने बचपन में भगवान प्राप्ति के लिए तप किया। उन्होंने धीरे-धीरे अन्न जल छोड़कर तप किया ।जब भगवान प्रकट नहीं हुए तो उन्होंने खड़े होकर तपस्या प्रारंभ की ,फिर एक पैर पर खड़े होकर तप किया, तब भी भगवान प्रकट नहीं हुए तो उन्होंने अपनी सांस को रोक कर ही भगवान प्राप्ति का मार्ग चुना। अंतत: श्री हरि की कृपा हुई और उन्होंने ध्रुव को दर्शन दिए। उक्त उद्गार अंतर्राष्ट्रीय संत डॉ. श्री कृष्णानंदजी गुरुदेव ने गीताभवन में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के दूसरे दिन कहे। आपने भगवान शिव की महिमा बताते हुए कहा कि देवों के देव महादेव को किसी भी वस्तु की आवश्यकता नहीं होती है, वे अपना संपूर्ण जीवन वैराग्य के रूप में ही जीते हैं भगवान शिव को प्रसन्न करना सबसे सरल है। आपने कपिल देव और ध्रुव चरित्र का वर्णन किया।कथा के दूसरे दिन गुरुदेव का जन्मदिन हो पर समाजसेवी अनिल गुप्ता, डॉ रविंद्र पांडे, पं. अरुण शर्मा, राधेश्याम घटिया सीतामऊ, सुरेश चौधरी शामगढ़ आदि ने भक्तों ने उनका स्वागत किया। मुख्य यजमान पुष्पा हीरालाल पाटीदार व पधारे अतिथियों ने श्रीमद भागवत आरती की।