पुलिस अभिरक्षा में जब्त राष्ट्रीय ध्वज सरकारी बंधन से मुक्त हो
दिग्विजय सिंह ने महाराष्ट्र के सीएम ठाकरे को लिखा पत्र।
ब्रह्मास्त्र भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री व राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को एक पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने आरएसएस के संस्थापक डॉ हेडगेवार की स्मृति में नागपुर में बने स्मारक में राष्ट्रीय ध्वज को फहराने से रोकने और जब्त किए जाने के मामले को उनके संज्ञान में लाते हुए कहा कि इस प्रकरण में जब्त राष्ट्रीय ध्वज 20 वर्षों से अभी तक पुलिस की अभिरक्षा में है। राष्ट्रभक्त नागरिक मोहनीश जबलपुरे उस झंडे को पुलिस के बंधन से मुक्ति दिलाने के लिए राष्ट्रीय पर्व पर ससम्मान फहराना चाहते हैं।
श्री सिंह ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को लिखा कि नागपुर निवासी सामाजिक कार्यकर्ता मोहनीश जिवनलाल जबलपुरे ने इस संबंध में उन्हें बताया है कि 26 जनवरी 2001 को गणतंत्र दिवस के दिन नागपुर निवासी रमेश कलंबे, उत्तम मेंढे और दिलीप छत्तानी ने रेशम बाग नागपुर स्थित डॉक्टर हेडगेवार स्मारक स्थल पर पहुंच कर राष्ट्र ध्वज तिरंगे को फहराने की कोशिश की थी। स्मारक के कर्मचारियों ने उन्हें झंडा फहराने से रोका। वाद विवाद होने के बाद उन तीनों के विरुद्ध डॉ हेडगेवार स्मारक समिति के कर्मचारी सुनील कथले ने राष्ट्रध्वज फहराने की कोशिश करने पर एफआईआर दर्ज करा दी थी। ये उसी विचारधारा के लोग हैं जिन्होंने नागपुर के संघ मुख्यालय में 15 अगस्त और 26 जनवरी पर कई दशकों तक राष्ट्रीय ध्वज नहीं फहराया था।
राष्ट्रीय ध्वज को डॉ. हेडगेवार स्मारक समिति के कार्यालय में लगाने का मुकदमा स्थानीय न्यायालय में 12 वर्ष तक चला। सन 2013 में न्यायालय ने फैसला सुनाते हुए तीनों अपराधियों को धारा 143, 148, 448, 323, 504, 506 बी और 149 से दोषमुक्त कर दिया। पुलिस द्वारा जब्त तिरंगे झंडे को जिला अधिकारी के यहां रखने का आदेश दिया गया। दिग्विजय सिंह ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री से कहा कि विगत 20 वर्षों से राष्ट्र गौरव तिरंगा झंडा सरकारी रिकॉर्ड में ही रखा है।
तिरंगे को सरकारी बंधन से आजाद कराते हुए युवा समाजसेवी मोहनीश जबलपुरे को राष्ट्रीय पर्व पर फहराने के लिए सौंपा जाना चाहिए।