भारत मॉं की शान है वंदे भारत ट्रेन..!
भारतीय रेल की सर्वाधिक प्रतिष्ठित वंदे भारत ट्रेन पर आधारित एक विशेष काव्य रचना
भारत मॉं की शान है वंदे भारत ट्रेन..!
अद्भुत अनुसंधान है वंदे भारत ट्रेन..!
भारत मॉं की शान है वंदे भारत ट्रेन..!
सुविधाऍं हैं बेहतरीन और
रूप है इसका शानदार,
वंदे भारत ट्रेन का सफ़र
लाजवाब और यादगार,
सुविधाओं की उड़ान है वंदे भारत ट्रेन..!
भारत मॉं की शान है वंदे भारत ट्रेन..!
चुनौतियों के पथ पर इसके
बुलंद हौसलों की रफ़्तार,
अत्याधुनिक जो है तकनीक,
खुले तरक्की के नये द्वार,
विकास की पहचान है वंदे भारत ट्रेन..!
भारत मॉं की शान है वंदे भारत ट्रेन..!
वंदे भारत ट्रेन बनी है आज
सभी की पहली पसंद,
इसके परिचालन से देश में
हुई रेल की छवि बुलंद,
अनूठा विज्ञान है वंदे भारत ट्रेन..!
भारत मॉं की शान है वंदे भारत ट्रेन..!
पूर्णतः भारत में बनी,
बिना इंजन की पहली ट्रेन,
स्वदेशी का परचम लहराती,
आकर्षक रूपहली ट्रेन,
प्रगति का ऐलान है वंदे भारत ट्रेन..!
भारत मॉं की शान है वंदे भारत ट्रेन..!
रचयिता:- गजानन महतपुरकर,
गीतकार, स्वतंत्र पत्रकार, साहित्यकार, मंच संचालक एवं कार्यकारी सदस्य – महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी, मुंबई, मोबाइल – 8369957684