ग्रह निर्माण मंडल के उपायुक्त की बदमिजाजी,बदतमीजी, तबादला उघोग फिल्म रिलीज

-व्रद्ध् कर्मचारी से बदमिजाजी,युवा कर्मी को संस्कारहीनता और सीना जोरी की सीख देने से बाज नहीं आए

उज्जैन । ग्रह निर्माण एवं अघोसंरचना विकास मंडल के उपायुक्त के कारनामें अब आम हो गए हैं।उनके उज्जैन व्रत्त कार्यालय में पदस्थी के उपरांत की प्रशासनिक बदतमीजी,बदमिजाजी, तबादला उघोग की फिल्में रिलीज हो गई हैं।इन फिल्मों में उन्होंने हीरो बनकर विलेन को मात दी है।अपने अधिनस्थों को वे संस्कारहीनता की शिक्षा देने से भी बाज नहीं आ रहे हैं।इसका विरोध करने वालों को उनका टका सा जवाब है कि आपको जो करना है करो जहां पर निपटना है निपट लो।

जनता की गाडी कमाई के टेक्स से तनख्वाह पाने वाले मध्यप्रदेश ग्रह निर्माण मंडल के व्रत्त उज्जैन कार्यालय में पदस्थ उपायुक्त यशवंत दोहरे उद्दंडता के साथ विवादों में रहकर कार्य करने के आदि हो गए हैं।मुख्यालय से इनके विरूद्ध् सख्त कदम की कार्रवाई न हो पाने से इंदौर के बाद उज्जैन में भी इन्होंने अपनी प्रश्नचिन्ह लगी निष्ठा वाली कार्यशैली अपना ली है।हाल ही में इनके द्वारा कार्यालय में बदतमीजी,बदमिजाजी, तबादला उघोग जैसे कार्यों को अंजाम दिया है।यह भी सामने आ रहा है कि प्रथम श्रेणी के सरकारी नौकर के पास जाने वाले बुजूर्ग पेंशनर आमजन को ये बैठने का भी नहीं बोलते हैं खूद ठसक के साथ बैठे रहते हैं ।  मंडल से परेशान  उपभोक्ताओं की समस्या निदान करने की बजाय उन्हें टका सा जवाब देते हैं।आने वाले बुजुर्ग उपभोक्ताओं ने प्रदेश सरकार से सवाल किया है कि जब हमारे टेक्स से इन्हें वेतन मिलता है तो फिर ये हमारे नौकर हुए इस मायने से संस्कारहीनता की हद पार करने वाले उपायुक्त को दंडित किया जाना चाहिए।

बदतमीजी,बदमिजाजी –

उपायुक्त की बदतमीजी और बदमिजाजी की पटकथा के बारे में कार्यालय के कर्मी बताते हैं कि करीब डेढ माह पूर्व इनके कार्यालय में 57 वर्षीय विष्णु बैरागी स्थायी चतुर्थ श्रेणी कर्मी को हाल ही में मंडल में नौकरी में आई एक 24 वर्षीय महिला उपयंत्री ने इनके सामने सम्मान से बैरागी जी कह कर संबोधित किया था।उपायुक्त को इस पर आपत्ति हुई और उन्होंने अपने संस्कारों का पिटारा खोलते हुए उपयंत्री को वरिष्ठ चतुर्थश्रेणी कर्मी के सम्मुख ही सभी के सामने समझाईश देते हुए कहा कि इन्हे सीधे बैरागी कहें,इस सम्मान की जरूरत नहीं है।मामले की जानकारी अन्य कर्मियों को लगने पर सभी एक जूट हुए और दुसरे दिन उपायुक्त दोहरे के समक्ष अपनी आपत्ति दर्ज करवाने पहुंचे तो संस्कारों की पराकाष्ठा देखिए की इनका सभी कर्मचारियों को जवाब रहा कि जिसको जो करना है कर ले जहां निपटना हो वहां निपट ले।बेचारे कर्मचारी छोटा सा मुंह लेकर लौट आए । उसके बाद  उपायुक्त ने अपना अलग रंग दिखाते हुए कर्मचारियों को बगैर बोले ही एक राजनेता के साथ गलबैंया के फोटो दिखाकर और छपवाकर सीधे-सीधे धमका दिया।इसके बाद से उपायुक्त के निरंकुशता के हाल हैं।

 

चिंदी मिली तो बजाज खाना खुल गया-

तबादला उघोग फिल्म की रिलीज को लेकर ग्रह निर्माण मंडल के कर्मचारी बताते हैं कि प्रथम श्रेणी अधिकारी उपायुक्त को 6 माह पूर्व तबादलों के अधिकार मुख्यालय से मिले थे। इस पर अपने स्टेनों के साथ उपायुक्त ने रणनीति के साथ कार्य किया।पूरे व्रत्त में करीब 60-70 से अधिक तबादलों को येन केन प्रकारेण अंजाम दिया गया।जिन तबादलों को मुख्यालय के अधिकारी एवं ग्रह निर्माण मंडल के सचिव वरिष्ठ आईएएस चंद्रमौलि शुक्ला ने नहीं किया उन तबादलों को इन्होंने इंटरेस्ट लेकर अंजाम दे दिया।तबादलों को लेकर किसी को विश्वास में लेना भी वाजिब नहीं समझा गया।इस तादाद में तबादलों से कर्मचारी खौफजदा हैं और इनकी वज्रपाती और मानसिक शोषण के प्रशासन भी सहा जा रहा है।

Author: Dainik Awantika