महाकाल में 1 अरब से ज्यादा की आय, इतने लोग आए कि सिंहस्थ का भी रिकॉर्ड टूट गया
– मंदिर की पेटियों से निकला करोड़ों का दान, लड्डू प्रसाद भी खूब बिका, विशेष दर्शन से भी आय
दैनिक अवंतिका उज्जैन।
ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर में इस बार आय से लेकर दर्शन तक के सारे रिकॉर्ड टूट गए है। और यह संभव हो सका है महाकाल लोक के बनने से।दरअसल मंदिर समिति ने पिछले 8 महीने का हिसाब किताब लगाया तो पता चला कि समिति को विभिन्न माध्यमों से 1 अरब 35 करोड़ 66 लाख 91 हजार रुपए की आय हुई है जो कि अब तक की सबसे ज्यादा आय बताई जा रही है। इतना ही नहीं महाकाल के दरबार में देश व दुनियाभर से करोड़ों लोग दर्शन करने भी उमड़े। इतने लोग तो सिंहस्थ 2016 में भी उज्जैन नहीं आए थे।
मंदिर समिति के अनुसार यह आय 1 जनवरी से 12 सितंबर 2023 तक की है। इसमें गर्भगृह दर्शन, जलाभिषेक, शीघ्र दर्शन, भस्म आरती, लड्डू प्रसाद बिक्री के साथ ही पेटियों से निकला नकद दान शामिल है। महाकाल लोक बनने के बाद से इतने दिनों में महाकाल मंदिर में 3 करोड़ 50 लाख से ज्यादा भक्तों ने दर्शन किए। हालांकि यह बात भी है कि आय बढ़ने के साथ मंदिर समिति का खर्च भी बढ़कर पहले से तीन गुना ज्यादा हो गया है। महाकाल लोक से पहले खर्च ढाई करोड़ प्रतिमाह होता था जो अब 8 करोड़ प्रति माह तक पहुंच गया। महाकाल मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष एवं उज्जैन के कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने कहा कि महाकाल लोग बनने के बाद से उज्जैन में रोज डेढ़ से दो लाख श्रद्धालु आ रहे हैं। भक्तों की संख्या बढ़ने से दान दोगुना से ज्यादा हो गया है।
5 माह में 91 करोड़ तो श्रावण
भादौ में 25.10 करोड़ रु. आय
1 अप्रैल से 12 सितंबर तक महाकाल मंदिर समिति को विभिन्न माध्यमों से 91 करोड़ 65 लाख रुपए की आय हुई। वहीं श्रावण, भादौ मास में समिति को 25 करोड़ 10 लाख रुपए की आय हुई। लड्डू प्रसाद से 15.35 करोड़ रुपए मिले। इतना ही नहीं इस बार लड्डू प्रसाद बिक्री का भी रिकॉर्ड टूटा है। 1 जनवरी से 12 सितंबर तक 38 करोड़ 56 लाख 34 हजार 888 रुपए के लड्डू बिक गए।
सिंहस्थ 2016 में 8 करोड़
लोग ही उज्जैन आ पाए थे
सिंहस्थ 2016 में 22 अप्रैल से 21 मई के बीच उज्जैन में 8 करोड़ लोग ही आ पाए थे। यह आंकड़ा शासन-प्रशासन के अफसरों के अनुसार है। इनमें महाकाल मंदिर में 1.75 करोड़ श्रद्धालुओं ने दर्शन किए थे। इस बार अधिक मास श्रावण में भक्तों की संख्या का रिकॉर्ड टूट गए। मंदिर के गेटों पर लगी हेड काउंटिंग मशीनों के अनुसार तो 4 जुलाई से 11 सितंबर तक 2 करोड़ 39 लाख 58 हजार भक्तों ने दर्शन किए।
मंदिर में जब आय बढ़ी तो समिति ने
सुविधाएं भी बढ़ाई, सब ऑनलाइन
– महाकाल मंदिर में ऑनलाइन दान करने की सुविधा है।
– गर्भगृह में दर्शन व जलाभिषेक की 1500 की टिकट चालू होने पर ऑनलाइन ले सकते हैं।
– 250 रुपए की शीघ्र दर्शन की टिकट भी ऑनलाइन बुक की जा सकती है।
– भस्म आरती अनुमति की बुकिंग भी समिति की वेबसाइट पर 200 शुल्क के साथ ऑनलाइन बुक होती है।
मंदिर क्षेत्र 2 से 47 हेक्टेयर हो
गया, खर्च अब 8 करोड़ हो गया
मंदिर समिति के प्रशासक संदीप सोनी ने बताया कि मंदिर का क्षेत्रफल पहले मात्र 2.82 हेक्टेयर हुआ करता था, जो विस्तारीकरण के बाद कई गुना बढ़कर 47 हेक्टेयर तक हो गया। मंदिर में कुल 306 समिति के कर्मचारी कार्यरत हैं, उनके वेतन से लेकर मंदिर की सुरक्षा, साफ-सफाई, कई निर्माण कार्य, मंदिर का रख रखाव, धर्मशाला, अन्नक्षेत्र, महाकालेश्वर वैदिक शोध संस्थान, गोशाला, सांस्कृतिक कार्यक्रम पर बड़ा खर्च होता है। इसके अलावा, महाशिवरात्रि पर्व, श्रावण माह, नागपंचमी समेत अन्य पर्व पर भी बड़े खर्च वाले होते है। पहले मंदिर का खर्च प्रति माह 2.5 करोड़ ही हुआ करता था पर यह बढ़कर 8 करोड़ हो गया है।