काल भैरव की सवारी में पालकी  में निकली चांदी की नई प्रतिमा

– ग्वालियर के भक्त मित्तल ने मुंबई से बनवाकर मंदिर में भेंट की
– स्पेशल कार में लाए नई प्रतिमा, हूबहू प्रतिमा देख सब  अभिभूत  
दैनिक अवंतिका उज्जैन। 
डोल ग्यारस पर आज सोमवार को भैरवगढ़ में काल भैरव की सवारी निकली। सवारी में पालकी के अंदर भैरव महाराज के स्वरूप चांदी की नई प्रतिमा निकाली गई। इस प्रतिमा पर सोने की पॉलिश कराई गई है। नई प्रतिमा को स्पेशल कार में रखकर मंदिर में लाया गया। 
यह प्रतिमा ग्वालियर के रहने वाले काल भैरव के भक्त एडवोकेट संदीप मित्तल व उनके परिवार ने अपने पिता की स्मृति में पुजारी सदाशिव चतुर्वेदी की प्रेरणा से मुंबई से लाकर मंदिर में भेंट की है। भक्त मित्तल ने बताया भैरव नाथ जी के यह प्रतिमा 5 किलो 700 ग्राम चांदी से बनी है जिस पर स्वर्ण पॉलिश की गई है जो देखने में हूबहू काल भैरव की तरह है इनके दर्शन कर सब अभिभूत हो उठे। मित्तल परिवार की श्रीमती रमा, सक्षम, वरदान, संजीवनी, आयुषी, शिवा, काशिका एवं ग्वालियर व इंदौर से आए भक्तों प्रतिमा का पूजन किया फिर मंदिर समिति को सौंपी। 
पहले कलेक्टर ने किया पालकी का पूजन
सिंधिया परिवार की ओर से चढ़ाई पगड़ी  
सवारी शुरू होने से पहले भगवान काल भैरव का शृंगार किया गया। सिंधिया परिवार की ओर से परंपरा अनुसार लाल पगड़ी पहनाई गई। इसके पश्चात शाम 4 बजे बाद कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम मंदिर पहुंचे और भगवान काल भैरव के दर्शन व पूजन कर सवारी के लिए पालकी को रवाना किया। कलेक्टर ने चांदी की नई प्रतिमा का पूजन-अर्चन किया। इसके पश्चात सवारी शुरू हुई। 
भैरवगढ़ में भ्रमण, सिद्धवट पर हुई आरती 
जेल के अंदर से कैदियों ने भी किए दर्शन
सवारी ने संपूर्ण भैरवगढ़ क्षेत्र का भ्रमण किया। सवारी में बैंड, ढोल, ध्वज, अखाड़े, झांकी, बग्घी, रथ आदि शामिल रहे। वहीं पालकी में नई प्रतिमा विराजित थी। मार्ग में कई जगह पुष्पवर्षा कर पालकी का स्वागत किया गया। केंद्रीय जेल भैरवगढ़ के बाहर परंपरा अनुसार पालकी राेकी गई जहां जेल प्रशासन के अधिकारियों ने पूजन किया। इस दौरान कैदियों ने भी जेल के अंदर जाली वाले गेट पर खड़े होकर भैरव बाबा के दर्शन किए।