डोल ग्यारस: झिलमिल झांकियों में रामसेतू बनाते दिखी वानर सेना -किशनपुरा राधा-कृष्ण मंदिर से उठे डोल, तीन बत्ती चौराहा से शुरू हुआ चल समारोह
उज्जैन। डोल ग्यारस पर बैरवा समाज द्वारा 100 सालों से चली आ रही चल समारोह की परम्परा को जीवित रखते हुए सोमवार शाम किशनपुरा राधा कृष्ण मंदिर से डोल उठाये। तीन बत्ती चौराहा से चल समारोह की शुरूआत हुई। जिसमें झिलमिल झांकियों में चंद्रयान उडान भरा दिखाई दिया। मंगलवार अलसुबह सोलह सागर पर डोल विर्सजित किये जायेगें।
जन्माष्टमी के बाद आने वाली एकादशी को डोल ग्यारस के रूप में मनाया जाता है। कृष्ण मंदिरों में पूजा अर्चना की जाती है और भगवान कृष्ण की प्रमिमा को डोल (रथ) में विराजमान कर शोभायात्रा निकाली जाती है। इसी परम्परा को बैरवा समाज सौ सालों से बाबा महाकाल की नगरी में मनाता आ रहा है। सोमवार को डोल ग्यारस का पर्व होने पर किशनपुरा स्थित राधा-कृष्ण मंदिर से शाम 4 बजे डोल उठाए गये। जिसमें समाज के हजारों लोग शामिल हुए। शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में रहने वाले समाजजनों ने भी डोल निकाले और झांकियों के साथ बैंड-ढोल और अखाड़ों के कलाकार शामिल हुए। राधा-कृष्ण मंदिर से डोल तीन बत्ती चौराहा पहुंचे, यहां से चल समारोह की शुरूआत हुई। रात 8 बजे टॉवर चौक पर समारोह का भव्य स्वागत किय गया। जिसमें समाज के वरिष्ठों का सम्मान, अखाड़ों के खलीफाओं का स्वागत किया गया। रात 10 बजे तक टॉवर चौक पर अखाड़ों के कलाकार अपने करबत दिखाते रहे। तीन बत्ती चौराहा से लेकर टॉवर चौक तक झिलमिल झांकियों का कारवां भी कतारबद्ध होकर आगे बढ़ता रहा, जो टॉवर चौक से फ्रीगंज ब्रिज होता हुआ चामुंडा माता चौराहा पहुंचा। झांकियों में चंद्रयान आकर्षण का केंद्र रहा, जो उड़ान भरता दिखाई दे रहा था। वहीं भगवान राम के वनवास से अयोध्या लौटने के साथ रथ पर सूर्य भगवान के भ्रमण के साथ रामसेतू बनाते वानर सेना का दृश्य भी शामिल किया गया था। 10 से 12 झांकियों के साथ चल समारोह देवासगेट, मालीपुरा, दौलतगंज, फव्वारा चौक, नईसड़क, कंठाल, निकास चौराहा, अंकपात मार्ग होता हुआ सोलह सागर मंगलवार अलसुबह पहुंचेगा।
सुरक्षा को लेकर तैनात रहा पुलिस बल
किशनपुरा से शुरू हुए फूलडोल चल समारोह की सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए पुलिस बल तैनात कर दिया गया था। शहर की यातायात व्यवस्था को बनाये रखने के लिये तीनबत्ती चौराहा से आवागम का मार्ग डायवर्ट किया गया था। जैसे-जैसे चल समारोह आगे बढ़ रहा था, वाहनों की आवाजाही को लेकर रूट बदले जा रहे थे। शहर के सभी थानों के साथ पुलिस लाइन का बल भी मार्गो पर तैनात किया गया था। फूलडोल चल समारोह के साथ पुलिस प्रशासन ने अनंत चतुर्दशी पर निकलने वाले चल समारोह की रिहर्सल भी पूरी कर ली। जो चामुंडा माता चौराहा से शुरू होगा।