एटीएस ने टेरर फंडिंग के शक में प्रापर्टी ब्रोकर को पकड़ा, भोपाल में चल रही है पूछताछ
इंदौर । एंटी टेररिस्ट स्क्वाड (एटीएस) ने प्रापर्टी ब्रोकर करण चौहान को गिरफ्तार किया है। उस पर टेरर फंडिंग में सहयोग करने का शक है। एटीएस ने करण से लैपटाप, मोबाइल, दस्तावेज, बैंक पासबुक सहित करीब दो लाख रुपये भी जब्त किए। ग्रेटर बृजेश्वरी निवासी करणसिंह चौहान को एटीएस पांच दिन से ढूंढ रही थी। शुक्रवार दोपहर टीम ने मोबाइल लोकेशन के आधार पर छापा मारा और घर से गिरफ्तार कर लिया। उसकी गिरफ्तारी के लिए भोपाल से टीम गठित की गई थी।
एटीएस ने छापा मारते ही बच्चों के फोन भी कब्जे में ले लिए। पूरे घर की तलाशी ली और दस्तावेज व रुपये जब्त कर साथ ले गए। स्वजन को बताया कि एसटीएफ वाले आए हैं। दूसरे दिन पत्नी योगेश्वरी तिलक नगर थाने पहुंची और गुमशुदगी दर्ज करवाने लगी। शाम को एसआइ सुनील कुमार दुबे ने नोटिस भेज कर बताया कि करण को अपराध क्रमांक 61/22 में धोखाधड़ी के मामले में पकड़ा है। एटीएस ने पिछले वर्ष राज्य जीएसटी विभाग की रिपोर्ट पर भोपाल, इंदौर की फर्म पर एफआइआर दर्ज की थी। उन पर टेरर फंडिंग की आशंका व्यक्त की गई थी। इसमें पांच फर्म इंदौर की और एक ग्वालियर की बताई गई थी। आरोप था कि दस्तावेजों से छेड़छाड़ कर जीएसटी पंजीयन हासिल किया है। विभाग ने सर्कुलर ट्रेडिंग का भी शक जाहिर किया था। इसके माध्यम से एक जगह से इनपुट टैक्स क्रेडिट (आइटीसी) लेकर दूसरी जगह भेजना बताया गया था। विभाग गलत ढंग से टैक्स क्रेडिट लेने वाली फर्मों की जांच में जुटा हुआ था। फर्मों की जानकारी जुटाई और एसटीएफ को मामला सौंप दिया।
एसटीएफ ने टेरर फंडिंग की आशंका जताई और एटीएस को जांच सौंप दी। जिन कंपनियों के विरुद्ध जांच चल रही वो न माल मंगवाती है न भेजती है। कंपनियां सिर्फ बोगस बिल जनरेट कर आइटीसी लेती थी। बाद में आइटीएस किसी अन्य फर्म को ट्रांसफर कर नकद रुपये ले लेती थी।