ब्यावरा : समाजसेवी शिक्षिका इंदिरा कुशवाह ने बस्ती में बेटियों के संग मनाया विश्व बेटी दिवस
ब्यावरा । देश में हर साल 24 सितंबर को राष्ट्रीय बेटी दिवस मनाया जाता है। इस दिन की खास अहमियत है। बेटियों को आवाज देने और उन्हें उनका अधिकार दिलाने के लिहाज से हर साल इस दिन को मनाया जाता है। शिक्षिका इन्दिरा कुशवाह हर बेटी को शिक्षित देखना चाहती है चाहे वह बेटी अमीर हो या गरीब। बेटियों को स्लेट और कलम बाँट कर यह संदेश दिया कि बेटी पढ़ेगी तभी आगे बढ़ेंगी। बेटी अपने अधिकार तभी जान पाएंगी जब वह स्वयं साक्षर और पढ़ी-लिखी होगी। इसी उद्देश्य से आज हमने लोहा कोटा बस्ती में जाकर इन बेटियों के हाथों में कलम और स्लेट देकर इन बेटियों के साथ बेटी दिवस मनाया है हर एक भारत की बेटी जब पढ़ेगी तो आगे बढ़ेगी। संसार की शुरूआत खुद माता आदिशक्ति से हुई है। बेटियों को पेन कॉपी, स्लेट, कलाम के साथ खाने की सामग्री भी वितरित की गई, भारत में बेटियों को देवी का दर्जा दिया जाता है। कहीं कोई पिता अपनी बेटी को आदिशक्ति का रूप मानता है तो कोई लक्ष्मी का रूप मानता है। हालांकि कुछ स्थानों पर इसके विपरीत देखा जाता रहा है कि घर में बेटी के पैदा होने पर लोगों में मातम पसर जाता है और कुछ लोग बेटी पैदा होने को अशुभ मानते हैं। लेकिन भारतीय परंपरा और भारतीय धर्म में बेटियों को हमेशा से ही देवियों का दर्जा दिया गया है। ऐसा इसलिए क्योंकि बेटियां संसार की जननी है। संसार की शुरूआत खुद माता आदिशक्ति से हुई है। ऐसे में भारतीय परंपराओं में हमेशा से बेटियों को अव्वल दर्जे पर रखा गया है। लेकिन समय के साथ बेटियों से अधिकार छीने गए, फिर समय बदला और बेटियों को उनके अधिकार फिर मिलने लगे।
आज राष्ट्रीय बेटी दिवस है। बेटियां किसी भी क्षेत्र में अपना काम बखूबी कर रही हैं।