भाजपा का आॅफर ठुकराया, तो विजयवर्गीय को सामने भेजा – संजय शुक्ला
पिता का आशीर्वाद फला , अब राजनीतिक दुश्मन बनाने पर तुली पार्टी
नगर प्रतिनिधि इंदौर
भाजपा ने दूसरी लिस्ट जारी कर दी है। ऐसे में विधानसभा क्रमांक एक के राजनीति में अब आप और प्रत्यारोप की राजनीति शुरू हो गई है विधायक संजय शुक्ला अपनी ओर से शुरू कर दी है तो वही कैलाश विजयवर्गीय ने भी अपनी रणनीति अपना ली है। कल उज्जैन महाकाल दर्शन करने के बाद उनके लिए कार्यकर्ताओ ने अपनी बाहें भी फेलानी शुरू कर दी है।
कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने मीडिया में बयान जारी करते हुए कहा है कि बीजेपी राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को लेकर कहा कि वे दो पुत्रों की राजनीतिक हत्या कर रहे हैं। मेरे पिता ने ही कैलाश विजयवर्गीय को पार्षद विधायक और राष्ट्रीय महासचिव बनवाया था। इसलिए मैं भी उनका और उनके बेटे का सम्मान करता हूं। मैं बीजेपी में शामिल नहीं हुआ, इसलिए मेरे सामने राष्ट्रीय महासचिव को उतारा गया है। एमपी में बीजेपी की दूसरी लिस्ट जारी होते ही 4 सांसद और तीन केंद्रीय मंत्रियों के नाम लिस्ट में आने के बाद आम लोगों में जमकर चर्चा का विषय बना हुआ है। हर व्यक्ति के दिमाग में यही सवाल उठा रहा है कि भाजपा ने इस बार केंद्रीय मंत्री सांसद और राष्ट्रीय महासचिव को विधानसभा चुनाव में उतार कर मध्य प्रदेश में अपनी सरकार बनाने का पुरजोर प्रयास कर रही है। दूसरी ओर कांग्रेस बीजेपी पर डर का आरोप लगाकर इसे डर की राजनीति बता रही है।
इंदौर से कैलाश विजयवर्गीय को विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 1 से बीजेपी का प्रत्याशी घोषित किया है, तो वहीं वर्तमान में विधायक संजय शुक्ला भी उनके सामने दमदारी से लड़ने की बात कर रहे हैं। संजय शुक्ला का कहना है कि मैं एक नंबर विधानसभा में ही जन्मा हूं और इसी विधानसभा में मेरी मृत्यु होगी और मैं आखिरी दम तक चुनाव लड़ूंगा। राजनीति में हार जीत लगी रहती है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मैं विजयवर्गीय को 25000 मतों से हराकर फिर से क्षेत्र से विधायक बनूंगा। इसके साथ ही शुक्ला ने दावा किया है कि इस बार कैलाश विजयवर्गीय को हार का सामना करना पड़ेगा और हार का स्वाद विजयवर्गीय इस बार जरूर चखेंगे। विजयवर्गीय को बनाने में मेरे पिता विष्णु प्रसाद शुक्ला का हाथ रहा है। उन्होंने सबसे पहले 1983 में नंदा नगर से उन्हें पर्षाद बनवाया, उसके बाद विधायक और फिर महापौर तो इस हिसाब से में कैलाश विजयवर्गीय का बेटा ही हूं और उन्होंने अपने दो बेटों की राजनीति हत्या की है।