हैवानियत करने वाला ऑटो चालक न्यायिक हिरासत में , बार एसोसिएशन ने भी आरोपी की पैरवी करने से मना कर दिया

उज्जैन। 12 साल की हैवानियत करने वाले ऑटो चालक को शुक्रवार शाम पुलिस एम्बुलेंस में न्यायालय लेकर पहुंची। जहां से सात दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। हैवान अभिरक्षा से भागते समय घायल हुआ था, जिसके चलते उसे उपचार के लिये इंदौर ले जाया गया है। अब पुलिस मामले की विवेचना के साथ साक्ष्य एकत्रित कर फास्ट ट्रेक कोर्ट में मामला प्रस्तुत करेगी।
25 सितंबर सोमवार को रेलवे स्टेशन से आटो चालक भरत पिता राजू सोनी 12 साल की बालिका को अकेला पाकर अपने साथ ले गया था और जीवनखेड़ी से आगे गंगेडी रोड़ पर हैवानियत करने के बाद अद्र्ध नग्न हालत में छोड़कर भाग निकला था। एसपी सचिन शर्मा ने हैवानियत करने वाले की धरपकड़ के लिये 28 सदस्यों की एसआईटी गठित की थी। टीम ने सीसीटीवी कैमरों की मदद से आटो चालक को गिरफ्तार कर लिया था। गुरूवार शाम उसे घटना की तस्दीक के लिये महाकाल पुलिस जीवनखेड़ी लेकर पहुंची। जहां से भागने का प्रयास करते समय घायल हो गया था। उसे उपचार के लिये जिला अस्पताल लाया गया, जहां से शुक्रवार शाम उसे एम्बुलेंस से सुरक्षा के बीच विशेष न्यायालय (पास्को एक्ट) में न्यायाधीश कीर्ति कश्यप के समक्ष पेश किया। न्यायालय ने उसे सात दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा है। घायल होने पर पुलिस उसे उपचार के लिये अभिरक्षा में उपचार के लिये लेकर पहुंची है। टीआई अजय वर्मा ने बताया कि अस्पताल से छुट्टी होने पर उसे रिमांड पर लेकर आरोपी के खिलाफ मामला फास्ट ट्रेक कोर्ट में प्रस्तुत किया जायेगा। वहीं सभी साक्ष्य एकत्रित कर जल्द से जल्द सजा दिलवाई जायेगी।
पेश करने के लिये करना पड़ा लम्बा इंतजार
हैवानियत करने वाले आटो चालक को न्यायालय में पेश करने के लिये पुलिस को लम्बा इंतजार करना पड़ा। लोगों में उसके खिलाफ काफी आक्रोश था, बार एसोसिएशन ने भी आरोपी की पैरवी करने से मना कर दिया था। न्यायालय परिसर में हैवान के प्रति लोगों में गुस्सा देख पुलिस को अन्यत्र स्थान पर पेशी कराने का विचार करना पड़ा। दोपहर 2 बजे बाद कहा जाने लगा कि पुलिस कंट्रेालरूम पर कोर्ट लगाई जायेगी, फिर शाम को तय किया गया कि देर से ही सही उसे कोर्ट में ही पेश किया जायेगा। शाम 6 बजे पुलिस एम्बुलेंस में आरोपी को न्यायालय के पिछले दरवाजे से लेकर पहुंची। आरोपी के पिता ने भी हैवानियत करने वाले बेटे को सख्त सजा दिये जाने की बात कहीं है।
रात में आटो चलाने का काम करता था भरत
परिजनों ने बताया कि आटो घर की है, पूर्व में भरत का भाई अर्जुन आटो चलता था। 8 माह पहले निधन होने पर भरत ने आटो चलाना शुरू कर दिया था, लेकिन वह रात में आटो लेकर घर से निकलता था, उसके पास लायसेंस नहीं था। गौरतलब हो कि उसने बालिका को तड़के 5 बजे के आसपास रेलवे स्टेशन से आटो में बैठाया था। बालिका दिमागी रूप से कमजोर होने पर हैवान ने नाजायज फायदा उठा।
डॉ. भंडारी करेगें बालिका का उपचार
घटनाक्रम के बाद सामने आया था कि हैवानियत का शिकार हुई बालिका की दिमागी हालत ठीक नहीं है। इसको लेकर इंदौर के मनोचिकित्सक डॉ. विनोद भंडारी ने बालिका का उपचार करने का फैसला लिया है। जब तक बालिका ठीक नहीं हो जायेगी। डॉ. भंडारी नि:शुल्क उपचार करेगें। इससे पहले महाकाल टीआई अजय वर्मा बालिका की पढ़ाई-लिखाई और शादी तक देखरेख करने की बात कह चुके है। टीआई वर्मा ने बताया कि बालिका की मदद का उनका अपना संकल्प था। जिसमें कई लोग जुडऩे लगे है। शहर के एक व्यक्ति ने एक लाख रूपये देने की बात कहीं है।