आज तृतीया व चतुर्थी तिथि का श्राद्ध एक ही दिन किया जाएगा
– क्योंकि 3 अक्टूबर को पंचमी तिथि का श्राद्ध रहेगा
दैनिक अवंतिका उज्जैन।
श्राद्ध पक्ष में सोमवार को तृतीया एवं चतुर्थी तिथि का श्राद्ध एक ही दिन किया जाएगा। जिनके पूर्वजों की मृत्यु हुई इन दोनों तिथि में हुई हो उनके लिए यह दिन श्राद्ध के लिए शास्त्रोक्त रहेगा।
श्री क्षेत्र पंडा समिति के अध्यक्ष एवं तीर्थ पुरोहित पंडित राजेश त्रिवेदी ने बताया कि सोमवार को प्रातः 11 बजे तक तृतीया रहेगी। इस दौरान लोग घरों में तृतीया तिथि का श्राद्ध कर सकते हैं। इसके पश्चात चतुर्थी तिथि लग जाएगी। जिसमें चतुर्थी तिथि का श्राद्ध भी किया जा सकेगा। क्योंकि 3 अक्टूबर को पंचमी तिथि का श्राद्ध होगा। इसलिए सोमवार के दिन तृतीया एवं चतुर्थी दोनों ही तिथियों में जिनके परिवार में पूर्वजों की मृत्यु हुई है उनके लिए 1 अक्टूबर सोमवार काे ही श्राद्ध का दिन मान्य रहेगा। सोमवार सौभाग्य को देने वाला, तृतीया तिथि बंदी से छुटकारा एवं चतुर्थी पशु कार्य हेतु लाभकारी मानी जाती है। भरणी नक्षत्र आरोग्यता को देने वाला है। इन क्षेत्रों में जिसकी अपेक्षा है वे श्राद्ध कर पूर्वजों से कामना कर सकते हैं।