निर्मोही अखाड़े के संत आज से छोड़ेंगे  अन्न, उज्जैन को पवित्र नगरी घोषित करें

– महामंडलेश्वर ज्ञानदास ने कहा शासन-प्रशासन शिप्रा में नालें रोकें

– अनिश्चित कालीन मौन आंदोलन, कथा व यज्ञ का आज समापन

ब्रह्मास्त्र उज्जैन।  वैष्णवों के अखाड़े में प्रमुख माने जाने वाले निर्मोही अखाड़े के संत दादू अश्रम उज्जैन के महामंडलेश्वर श्री श्री 1008 ज्ञान दास महाराज ने उज्जैन को पवित्र नगरी घोषित किए जाने की मांग को लेकर अन्न भोजन त्याग कर दिया है।

संतश्री ने शासन-प्रशासन से मांग करते हुए कहा कि उज्जैन भारत की सप्तपुरियों में एक, धार्मिक एवं प्रमुख तीर्थ नगरी होने से इसे पवित्र नगरी घोषित किया जाना अत्यंत आवश्यक है। देश व दुनियाभर से लाखों श्रद्धालुओं का यहां देव दर्शन व तीर्थ स्नान आदि के लिए आगमन बना रहता है। ऐसे में नगर की पवित्रता हमेशा बनी रहने के लिए कानूनन रूप से मप्र की सरकार उज्जैन को पवित्र नगरी घोषित करें तथा यहां शिप्रा नदी में मिल रहे नालों को भी योजना बनाकर रोका जाना चाहिए। संतश्री ने कहा कि उन्होंने दोनों प्रमुख मांगों को लेकर अन्न का त्याग किया है। उज्जैन के लिए उनका यह मौन आंदोलन अनिश्चित काल के लिए। जब तक शासन-प्रशासन स्तर पर कोई ठोस कदम नहीं उठाए जाते हैं वे अन्न ग्रहण नहीं करेंगे। मंगलनाथ के पीछे अंगारेश्वर महादेव मंदिर के पास ही न्यू दादू राम आाश्रम में उनके सानिध्य में चल रहे विष्णु महायज्ञ एवं भागवत कथा का मंगलवार को समापन हो रहा है। इसी के साथ उनका अन्न त्याग भी शुरू हो जाएगा।