सेक्स रैकेट की 400 से अधिक वेबसाइट: इंदौर -उज्जैन की भी कई हाई-फाई युवतियां व धन्ना सेठों की बिगड़ैल औलाद शामिल
ऑनलाइन जिस्मफरोशी में 7 गिरफ्तार, वेबसाइट और फेसबुक पर फोटो दिखाकर करते थे सौदे, गिरफ्तार लड़कियां दिल्ली में करती थी जॉब
ब्रह्मास्त्र इंदौर। कल पकड़ाए गए हाईटेक सेक्स रैकेट को लेकर लगातार खुलासे हो रहे हैं। इसे बाकायदा वेबसाइट बनाकर चलाया जा रहा था। पुलिस ने मंगलवार को स्कीम-114 से गुरुग्राम और रायसेन की दो युवतियों समेत सात लोगों को पकड़ा है। शहर के कुछ कारोबारी और बिल्डर के भी इस रैकेट जुड़े होने की बात सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि इंदौर ,उज्जैन समेत कई अन्य शहरों की लड़कियां भी इस सेक्स रैकेट में शामिल है। इंदौर, उज्जैन के तो युवक भी ग्राहक के तौर पर पकड़ाए हैं। सेक्स रैकेट चलाने के लिए चल रही कई गैंग ने करीबन चार सौ वेबसाइट बना रखी है।
आरोपियों ने वेब डेवलपर्स की मदद से अपनी एस्कॉर्ट सर्विस की वेबसाइट तैयार की है। वेबसाइट इतनी हाईटेक है कि इसे ओपन करते ही कॉलिंग और मैसेजिंग एप के जरिए कस्टमर सीधे कनेक्ट हो जाते थे। इस पर तत्काल सरगना कस्टमर्स को अपने पास उपलब्ध एस्कॉर्ट सर्विस की युवतियों के फोटो भेज देते। डील तय होने पर युवतियों को उन तक भेज देते थे। युवतियां दलाल नीरज के जरिए होटल या फिर कस्टमर्स के फ्लैट तक जाती थीं। सेक्स रैकेट के सरगना ने वेबसाइट का फेसबुक पेज भी बना रखा था।
एसपी अशुतोष बागरी ने बताया कि दलाल नीरज वेबसाइट के जरिए कस्टमर्स खोजता था। इसके बाद डील पक्की होने पर युवती को कहां पहुंचाना है, किस गाड़ी से वह पहुंचेगी, गाड़ी के नंबर से लेकर सभी वही फाइनल करता था। उसने इंदौर के लसूड़िया थाना इलाके में स्कीम नंबर-114 में 8 महीने पहले फ्लैट किराए पर लिया था। यहीं से रैकेट चल रहा था।
आरोपियों को रिमांड पर लिया
दिल्ली में जॉब करतीं थी लड़कियां
पूछताछ के दौरान पकड़ी गई युवतियों ने बताया कि पहले वे दिल्ली में जॉब करतीं थी। वहां लगा कि उनकी कंपनी के अधिकारी भी उनसे नजदीकियां बढ़ाना चाहते हैं। दिल्ली में रहने के दौरान कई बार लोगों ने शारीरिक शोषण की कोशिश की। इसके बाद उन्होंने इस काम को पैसा कमाने का जरिया बना लिया। प्रोफेशनल होकर इस धंधे में उतर आईं। वेबसाइट पर अपने फोटो डाले। यहां से ही दलालों से संपर्क हुआ।
वेबसाइट पर फिक्स होती थी मीटिंग
वेबसाइट पर सर्च करते ही युवती से ऑनलाइन मीटिंग तय होती थी। जगह का चयन कर लिया जाता था। इसके बाद कस्टमर की बताई जगह पर युवती को भेज दिया जाता था। इस वजह से पुलिस को भी कस्टमर और गैंग में शामिल युवतियों को गिरफ्तार करना चुनौती बना हुआ था। गिरफ्तार युवक उज्जैन, राजस्थान और इंदौर के रहने वाले हैं।
क्या है एस्कॉर्ट सर्विस
4 साल पहले साइबर सेल ने एस्कॉर्ट सर्विस देने वाली 3 वेबसाइट के दलालों को पकड़ा था। इनसे चौंकाने वाले खुलासे हुए थे। पूछताछ में पता चला है कि ऐसी ही एस्कॉर्ट सर्विस ऑफर करने वाली 400 से ज्यादा वेबसाइट हैं। इनमें इंदौर से जुड़ी 20 से 30 साल की युवतियों के फोटो का इस्तेमाल कर 25000 से ज्यादा का डाटाबेस फीड किया गया।
साइबर सेल का मानना है कि इंदौर की करीब सभी नामी होटल्स में हर दिन इस तरह की वेबसाइट्स से युवतियां दूसरे शहरों से फ्लाइट्स से आ रही हैं। यहां की युवतियों को ऐसे ही दूसरे शहरों में भेजा जा रहा है। साइबर सेल ने इससे पहले ऐसी तीन वेबसाइट से जुड़े दो दलाल व वेबसाइट के डिजाइनर को गिरफ्तार किया था।
अच्छे घरों की युवतियां भी इस धंधे में
साइबर सेल ने पकड़ी गई। तीनों वेबसाइट को पोर्टल से हटवा दिया था। इस संबंध में सेल ने वेबसाइट को होस्ट करने वाली कंपनियों को ई-मेल भेजा था। तीनों वेबसाइट का एड भी जिन वेबसाइट पर किया गया था, उन्हें भी हटाया गया है। इन वेबसाइट्स पर जिन युवतियों के नंबर जारी किए गए थे, उनमें से कुछ तो संभ्रांत घरों की निकली थी। वहीं, किसी ने महंगे शौक पूरा करने के लिए इस धंधे को अपना लिया।