उज्जैन पवित्र नगरी घोषित हो महामंडलेश्वर ने त्यागा अन्न
– अंगारेश्वर के पास आाश्रम में बैठकर ज्ञान दास महाराज ने की मप्र सरकार से मांग
– शिप्रा में नाले भी रोके जाएं, कानून के अभाव में मंदिरों के पास बिक रहे मांस-मदिरा
ब्रह्मास्त्र उज्जैन। उज्जैन को पूर्ण रूप से कानून बनाकर मप्र सरकार से पवित्र नगरी घोषित करने की मांग को लेकर महामंडलेश्वर श्री श्री 1008 ज्ञान दास महाराज ने मंगलवार से अन्न त्याग दिया। मंगलनाथ के पीछे अंगारेश्वर महादेव मंदिर के पास स्थित न्यू दादू राम आश्रम में महाराज ने भक्तों के बीच बैठकर अपने इस प्रण की घोषणा की।
महाराज ने दैनिक अवंतिका से चर्चा में कहा कि उज्जैन को पवित्र नगरी घोषित किया जाएं तथा शिप्रा में मिल रहे गंदे नालों को भी रोका जाएं। इन दोनों प्रमुख मांगों को लेकर उन्होंने अनिश्चित काल के लिए का अन्न त्याग किया है। जब तब तक शासन-प्रशासन इस पर कोई कठोर निर्णय नहीं लेता तब तक वे अन्न ग्रहण नहीं करेंगे।
उज्जैन सप्तपुरियों में एक फिर क्यों पवित्र घोषित नहीं कर रहे
ज्ञान दास महाराज ने कहा कि जब उज्जैन भारत की सप्तपुरियों में से एक है तो फिर शासन-प्रशासन इसे पूर्ण रूप से कानून बनाकर उसे लागू कर क्यों नहीं इसे पवित्र नगरी घोषित किया जा रहा है।
जब तक निर्णय नहीं होता जल दूध और नारियल पानी ही लेंगे
दोनों प्रमुख मांगों को लेकर वे अब अन्न ग्रहण नहीं करेंगे। जब तक कि शासन-प्रशासन द्वारा इन विषयों पर कोई ठोस योजना बनाकर निर्णय नहीं लिया जाता है वे जल, दूध और नारियल पानी ही ग्रहण करेंगे
शिप्रा में एक नाला तो संत के आश्रम के पास ही मिल रहा
महाराज ने कहा कि उज्जैन पूर्ण रूप से पवित्र नगरी घोषित नहीं होने के कारण ही यहां महाकाल सहित कई प्रमुख मंदिरों के पास ही मांस-मदिरा का विक्रय किया जाता है। इससे बाहर से आने वाले हजारों श्रद्धालुओं की धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचती है। वहीं शिप्रा में कई जगह मिल नाले भी मिल रहे हैं। ऐसे में श्रद्धालु यहां पर्वों पर आकर क्यों स्नान व दान-पुण्य करेगा। एक नाला तो उनके आश्रम के पास ही मंगलनाथ रोड पर ब्रिज के नी