बीते वर्ष खरीफ सीजन में ही डेढ़ लाख किसानों ने फसल बीमा कर जमा की थी साढ़े 21 करोड़ की प्रीमियम राशि

सारंगपुर। प्रदेश सरकार के द्वारा किसानों को दी गई फसल बीमा राशि को लेकर जहां किसानों में खासी नाराजगी है तो वही मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस के नेताओं ने प्रदेश सरकार द्वारा खरीफ 2022 की फसल बीमा राशि किसानों को दिए जाने को धोखा बताया है।
गौरतलब है कि बीते 5 अक्टूबर को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सिंगल क्लिक के माध्यम से प्रदेश के साथ-साथ राजगढ़ जिले के 50 हजार 692 किसानों को मात्र 5 करोड़ 39 लाख रुपए खरीफ और रबी सीजन-2022 की फसल बीमा राशि प्रदान की गई है, जो राजगढ जिले के किसानों के साथ निश्चित रुप से धोखा है। क्योंकि जिले में सिर्फ एक सीजन खरीफ 2022 में लगभग 1 लाख 50 हजार किसानों ने सोयाबीन फसल की बोनी के बाद करीब 2 लाख 90 हजार कृषि रकबे में 742 रुपये प्रति हेक्टेयर के हिसाब से अनुमानित करीब 21 करोड़ 51 लाख रुपये से अधिक की प्रीमियम राशि जमा कर बीमा कराया थी। सितंबर और अक्टूबर 2022 में हुई अतिवृष्टि के बाद हुए नुकसान को लेकर किए गए सर्वें और क्षेत्रीय विधायक कुंवरजी कोठार ने खेतो में उतर कर स्थिति को देखा था और फिर 7 अक्टूबर 2022 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर उचित बीमा और मुआवजा देने की मांग की थी। लेकिन मुआवजा की राहत किसान देखते रहे और अब जब बीमा भुगतान की बारी आई थी सरकार ने किसानों को साथ मानो मजाक किया हो। क्योंकि उस समय हर पटवारी हल्का में लगभग सोयाबीन फसल की नुकसानी होना पाई गई थी।
कम बीमा राशि जिले में मिलने के बाद जिला कांग्रेस अध्यक्ष प्रकाश पुरोहित और सारंगपुर ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष डा. हेमेंद्र सिंह सोलंकी ने कहा कि दो सीजन में खराब हुई फसलों के 50 हजार से ज्यादा किसानों को मात्र साढ़े 5 करोड बीमा राशि देकर सरकार क्या साबित करना चाहती है, यदि फसल बीमा राशि की गणना की जाती तो जिले के किसानों को 18500 रुपये प्रति हेक्टेयर बीमा राशि मिलना चाहिए थी, जिले को लगभग 500 करोड़ रुपए से ज्यादा मिलती तो शायद किसानों को सम्मान जनक भुगतान मिल पाता है। कांग्रेस ने मांग की है कि किसानों के खेतों में खरीफ 2022 सोयाबीन फसल का पटवारी, बीमा कंपनी व कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा की गई सर्वे रिपोर्ट को भू-अभिलेख शाखा द्वारा सार्वजनिक किया जाना चाहिए, जिससे किसानों को सही स्थिति पता चल सके। कांग्रेस ने प्रशासन से मांग की है कि खरीफ फसल 2022 की सोयाबीन फसल बीमा राशि की गणना फिर कराई जाए और पटवारी द्वारा किसानों के खेतों में किए गए सर्वें को सार्वजनिक कर उसी के आधार पर किसानों को फसल बीमा राशि दी जाए।