चुनाव आचार संहिता लगते ही महाकाल की भस्मारती मेें नेताओं का कोटा खत्म
– आम लोगों को मिलेगा फायदा, 350 सीट अब चुनाव होने तक श्रद्धालुओं के नाम
दैनिक अवंतिका उज्जैन।
मप्र में विधानसभा चुनाव के लिए आचार संहिता की घोषणा होते ही महाकाल मंदिर में भस्मारती अनुमति में नेताओं का कोटा मंदिर प्रबंध समिति ने तत्काल समाप्त कर दिया। इससे आम श्रद्धालुओं को फायदा होगा। भस्मारती में अब रोज 350 सीट आम श्रद्धालुओं को ज्यादा मिलेगी।
मंदिर समिति के प्रशासक संदीप सोनी ने कहा कि चुनाव होने के बाद आचार संहिता हटने तक यह सुविधा लागू रहेगी। विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने के बाद ही प्रशासन हरकत में आ गया है। सबसे पहले महाकाल मंदिर में नेताओं को मिलने वाली तमाम सुविधाओं पर रोक लगा दी गई। मंदिर में वीवीआईपी, प्रोटोकॉल के अलावा राजनीतिक कोटे के तहत भस्मारती में नेताओं के लिए विशेष अनुमति कोटा निर्धारित है।
सोमवार दोपहर ही तत्काल जारी
किए सुविधाएं बंद करने के आदेश
चुनाव आयोग द्वारा जैसे ही आचार संहिता लागू होनेे की घोषणा की गई। तत्काल उज्जैन जिला प्रशासन ने सोमवार की दोपहर बाद ही इस संबंध में आदेश जारी कर महाकाल मंदिर में मिलने वाली नेताओं की सभी सुविधाएं बंद कर दी गई। नेताओं का कोटा समाप्त कर मंदिर प्रबंध समिति के आईटी सेल ने वेबसाइट पर ऑनलाइन अनुमति को अपडेट किया। समिति ने इसमें आम श्रद्धलुओं की सीट की संख्या बढ़ा दी ताकि ज्यादा से ज्यादा श्रद्धालु भस्मारती का लाभ ले सके। मंदिर समिति के सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल ने बताया कि ऑनलाइन के जरिए समिति नेताओं के लिए 350 की संख्या में भस्मारती का कोटा रखती है। इसे फिलहाल समाप्त कर आम लोगों को दे दी गई है।
नेताओं का अब महाकाल दर्शन
के लिए भी प्रोटोकॉल बंद किया
महाकाल मंदिर प्रबंध समिति ने नेताओं में जैसे मंत्री, सांसद, विधायक, जिला पंचायत अध्यक्ष सहित विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रमुख पदाधिकारी, जनप्रतिनिधि आदि स्वयं या उनके माध्यम से भी महाकाल मंदिर में दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं केे लिए प्रोटोकॉल से दर्शन की सुविधा तत्काल बंद कर दी गई है। चुनाव आचार संहिता जब तक लागू रहेगी नेताओं को यह सुविधा नहीं मिल पाएगी। हालांकि ये नेता मंदिर में आम दर्शनार्थी की तरह आकर भगवान महाकाल के दर्शन कर सकेंगे।
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