नीलगंगा पुलिस के साथ इंदौर में हुई झूमाझटकी -आरोपित को गिरफ्तार करने पहुंचे थे टीआई

दैनिक अवंतिका(इंदौर) हाईराईज बिल्डिंग से छलांग लगाकर आत्महत्या करने वाली महिला के मामले में पति की गिरफ्तारी करने नीलगंगा टीआई टीम के साथ इंदौर की प्रीमियम  पार्क कालोनी पहुंची थी। जहां पुलिस के साथ आरोपित के परिवार ने झूमाझटकी करते हुए शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाई।
नीलगंगा टीआई विवेक कनोडिया ने बताया कि 13 जून को इंदौररोड हाईराइज बिल्डिंग शिवांश एलीगेंस के ए ब्लॉक की छठवीं मंजिल से शिल्पा पति मोहित राजपूत ने छलांग लगाकर आत्महत्या कर ली थी। घटनास्थल पर तत्कालीन सीएसपी सचिन परते, टीआई तरूण कुरील, एसआई महेन्द्र मकाश्रे सहित एफएसएल अधिकारी डॉ. प्रीति गायकवाड़ पहुंची थी। मौके से सुसाइडनोट मिला था। शिल्पा का विवाह हुए 2 साल हुए थे। जांच सीएसपी स्तर पर शुरू की गई थी। जिसमें सामने आया था कि दहेज प्रताडऩा के चलते उसे परेशान किया जा रहा था। मामले में पति मोहित राजपूत के खिलाफ 304 बी का प्रकरण दर्ज किया था। टीआई कनोडिया ने बताया कि मोहित के लिये वह खुद एसआई हेमलता शाक्ता, प्रधान आरक्षक राहुल कुशवाह, दिग्विजयसिंह के साथ इंदौर की प्रीमियम पार्क कालोनी पहुंचे थे। जहां मोहित को हिरासत में लिया गया। उसी दौरान परिवार के लोगों ने छुड़ाने के लिये झुमाझटकी की और शासकीय कार्य में बाधा डाली। जिसके चलते इंदौर बाणगंगा थाने में परिवार के अमित राजपूत, महेश राजपूत, अनिता राजपूत, शिखा राजपूत और एक अन्य के खिलाफ धारा 353 का प्रकरण दर्ज कराया गया है।
हाईकोर्ट से निरस्त, सुप्रीम कोर्ट में लगाई जमानत
टीआई कनोडिया ने बताया कि मोहित राजपूत बैंक मैनेजर है, उसने घटना से कुछ माह पहले ही हाईराइज बिल्डिंग में किराये से फ्लेट लिया था। शिल्पा की मौत के बाद मामला दर्ज होते ही उसने बैंक जाना छोड़ दिया था। गिरफ्तारी से बचने के लिये उसने अग्रिम जमानत लगाई थी, जो सेशन के बाद हाईकोर्ट से निरस्त हो चुकी थी। इसी के चलते पुलिस उसे गिरफ्तार करने पहुंची थी। झूमाझटकी के बाद सामने आया कि उसने सुप्रीम कोर्ट में अग्रिम जमानत की याचिका लगाई है। मोहित के अभिभाषक ने आकर बताया कि जब तक सुनवाई नहीं होती, गिरफ्तारी पर रोक लगी है। टीआई के अनुसार हाईकोर्ट से जमानत निरस्त होने के बाद सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाने की जानकारी पुलिस तक नहीं पहुंची थी। दस्तावेज देखने के बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए मोहित को गिरफ्तार नहीं किया गया।