मनुष्य का क्या कर्तव्य है इसका बोध भागवत कथा सुनकर ही होता है
मनावर। मनुष्य का क्या कर्तव्य है इसका बोध भागवत कथा सुनकर ही होता है ।विडंबना यह है कि मृत्यु निश्चित होने के बाद भी हम उसे स्वीकार नहीं करते है । निष्काम भाव से प्रभु का स्मरण करने वाले अपना जन्म व मरण दोनों सुधार लेते हैं। उक्त उदगार भागवताचार्य पं महादेव जोशी ने राधारमण कॉलोनी में हरि परिवार द्वारा आयोजित पितृ मोक्ष भागवत कथा के दौरान दिए ।
इसके पूर्व रात्रि में भजन निशा का आयोजन किया गया। मां हरसिद्धि गौशाला सिंघाना के प्रमुख सेवादार दिलीप जोशी ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। भागवत कथा के आयोजक अंकित खंडेलवाल एवं मनीष सोनी ने गायक कलाकारों को पट्टीका पहनाकर व स्मृति चिन्ह देकर स्वागत किया । कार्यक्रम की शुरुआत राजा पाठक ने गणेश वंदना से की । अंजली पांडे ,,शुभी पाठक , कैलाश काग , सुभाष सोलंकी , सुखदेव राठौर ,आशुतोष सोनी रत्नपारखी लोकेश पांडे ,दीपनयन बोर्डिया ऋषिका पागनिश ने एक से बढ़कर एक भजनों की प्रस्तुति दी । कार्यक्रम का संचालन विश्वदीप मिश्रा व मुकेश मेहता ने किया एवं आभार अंकित खंडेलवाल ने माना।