ऐशो-आराम एवं करोड़ों की संपत्ति छोड़ जैन मुनि बनने की दीक्षा लेंगे नौ संयमी युवा
नगर प्रतिनिधि(उज्जैन) मुनि श्री 108 सुप्रभ सागर जी एवं मुनि श्री 108 प्रणत सागर जी के सानिध्य में होगा सम्पूर्ण आयोजन ।
कहते है जब वैराग्य जगा आदि मन में,जिन दीक्षा ली जाकर वन में। आज की इस एशोआराम की जिंदगी और करोड़ों की संपत्ति को छोड़ कर संपन्न घरों के नौ युवाओं ने आत्म कल्याण के लिए बैराग्य का कठिन मार्ग चुन लिया है। बैराग्य लेने के अपने दृढ़ संकल्प के चलते इनके परिजनों ने भी अपनी सहमति सहर्ष देकर इनकी भव्य विनोली यात्रा निकाली जाएगी तथा ओली हल्दी का कार्यक्रम हर्षोल्लास के साथ उज्जैन में राजेन्द्र सभा क्षीर सागर से आज 12 अक्टूबर गुरुवार को शाम 4 बजे विभिन्न मार्गो से होकर मनोरमा गार्डन तक विनोली शोभायात्रा बड़ी धूमधाम से निकाली जाएगी।
इसके पूर्व प्रात: 8 बजे से सभी दिक्षार्थी भईया जी का तपोभूमि से मनोरमा गार्डन में भव्य मंगल आगमन होगा। आयोजन के प्रमुख प्रदीप झांझरी ने बताया कि इंदौर के नगर गौरव ओजस्वी युवा हार्दिक भैया पिता सुदीप जैन माता रेखा जैन विजय नगर 78/ नम्बर स्कीम निवासी इंदौर के बैराग्य के कठिन मार्ग को चुन कर दीक्षा लेगे, इनके साथ ही दूसरे नगरों के आठ अन्य धार्मिक युवा भी दिगम्बर दीक्षा धारण करने जा रहे है। दीक्षा पूर्व नगर में इन सभी कठोर संयमधारी युवाओं की बिनौली एक साथ बड़े धूमधाम से निकाली जाएगी एवं ओली हल्दी के कार्यक्रम भी बड़े उल्लास के साथ संपन्न होगे इन युवाओं में सिद्धम जैन (पिंकु) पिता श्री कपूरचंद्र ऊषा जैन रूर, जिला भिंड, ब्र.विपुल जैन पिता श्री अरविंद शशि जैन,भिंड,बाल ब्र. हिमांशु जैन,पिताश्री मनोज कुमार मधु जैन,भिंड, हार्दिक जैन पिताश्री सुदीप कुमार रेखा जैन, इंदौर, राजेश जैन पिता स्व श्री राजकुमार मालती जैन, ललितपुर, ब्र. विपुल जैन (विनी) पिता इंजीनियर विनोद जैन, माँ श्रीमती उषा जैन, छतरपुर, एनडीए रिटर्न ब्रम्हचारी तन्मय कोठारी पिता श्री संजय विभा जैन कोठारी ,जबलपुर, बाल ब्रम्हचारी अंकुर जैन पिताश्री अजय कुमार सिंघई ममता सिंघई, छतरपुर सम्मिलित हैं। दीक्षापूर्व संस्कारो में पहले दिन इन सभी बैराग्य लेने वाले भाइयों की भव्य विनोली यात्रा घोड़ों, बग्घियों, बैंड बाजों और आर्केस्ट्रा के साथ निकाली जाएगी विनोली यात्रा वह यात्रा होती हैं जिसमें भावी दीक्षार्थियो को राजा की तरह सजाया जाता हैं, भौतिक सुख सुविधाओं का लालच दिया जाता है और घर वापसी का मौका दिया जाता हैं, ताकि उनके वैराग्य के संकल्प को परखा जा सके। लेकिन जो वैराग्य का मन बना लेते हैं फिर उन्हें संसार कहा रास आता है। दीक्षा के पूर्व कई वर्षों तक गुरु दीक्षार्थी की अलग अलग तरह से परीक्षा लेते रहते हैं। वर्षो की कठिन तपस्या के बाद सुपात्र पाकर ही मुनि दीक्षा दी जाती है।
चातुर्मास सेवा समिति के अध्यक्ष शान्ति कुमार कासलीवाल, कार्याध्यक्ष प्रमोद जैन, सचिव अशोक जैन ढेकेदार, अरविन्द बुखारिया, अनिल गंगवाल, अशोक मंगलम, सत्येंद्र जैन, पंकज जैन, अशोक जैन चाय वाले, मुकेश काला,प्रकाश कासलीवाल, नीरज सोगानी, दिनेश गोधा, स्नेहलता सोगानी, प्रियंका विनायका, अम्बर जैन, पवन बोहरा, धर्मेन्द्र सेठी, भरत पांड्या, नितिन दोशी, प्रतीक चौधरी, रजत जैन एवं समस्त समाज पदाधिकारियों ने नौ संयमी भाइयों के वैराग्य मार्ग पर चलने को एक महान कदम बताते हुए समाज के लिए गर्व की बात बताई। इन सभी संयमी युवाओं की दीक्षा आगामी 25 अक्टूबर 23 को बड़ौद में आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी के पावन सानिध्य में होगी।