दरिंदे को देखे ही गवाह बोला इसी ने बैठाया था आटो में -मामला बालिका से हुई हैवानियत का, जेल में कराई शिनाख्त परेड
(दैनिक अवन्तिकाउज्जैन) सतना से लापता बालिका के साथ हैवानियत करने वाले आटो चालक को सजा दिलवाने की तैयारी पुलिस ने शुरू कर दी है। गुरूवार को उसकी जेल में पहले गवाह से शिनाख्त परेड़ कराई गई। गवाह ने देखते ही कहा कि इसी ने बालिका को आटो में बैठाया था।
25 सितंबर को 12 साल की बालिका के साथ हैवानियत होने का मामला सामने आया था। मुरलीपुरा दांडी आश्रम के सामने मिली बालिका को महाकाल पुलिस ने उपचार के लिये अस्पताल पहुंचाकर पास्को एक्ट के साथ दुष्कर्म का मामला दर्ज करने के 72 घंटे बाद नानाखेड़ा क्षेत्र में रहने वाले आटो चालक भरत पिता राजू सोनी को गिरफ्तार कर लिया था। अब पुलिस उसे सख्त सजा दिलाने की तैयारी में लगी है। इसी कड़ी में पहले गवाह को गुरूवार दोपहर पुलिस केन्द्रीय जेल भैरवगढ़ लेकर पहुंची, जहां गवाह से दरिंदे की शिनाख्त परेड़ कराई गई। गवाह ने उसे देख बताया कि यह वहीं है, जिसने रेलवे स्टेशन से बालिका को अपनी आटो में बैठाया था। पुलिस ने गवाह के बयान भी दर्ज किये है। दरिंदे की शिनाख्त परेड़ की पुष्टि करते हुए एएसपी जयंत राठौर ने बताया कि डीएनए के साथ 16 साक्ष्य जांच के लिये फारेंसिक लेब भेजे गये है। जिसकी रिपोर्ट मिलते ही विशेष न्यायालय में चालान प्रस्तुत कर दिया जायेगा। फास्ट ट्रेक कोर्ट में सुनवाई होगी और जल्द सजा दिलवाई जायेगी। बुधवार को हुए थे बालिका के बयान बुधवार को हुए थे बालिका के बयान 15 दिनों तक उपचार के लिये इंदौर में भर्ती रही बालिका के स्वस्थ्य होने पर बुधवार को पुलिस ने विशेष न्यायालय में 164 के बयान दर्ज कराये थे। एक घंटे तक चले बयान के बाद बालिका को बालिकागृह ले जाया गया था। जहां उसे दादा और सतना पुलिस के साथ घर के लिये रवाना किया। बालिका दिमागी रूप से कमजोर है, जिसके चलते बयान के दौरान भाषाशैली के एक्टपर्ट भी मौजूद रहे थे। बालिका के दिमागी उपचार की जिम्मेदारी इंदौर के मनोचिकित्सक डॉ. विनोद भंडरी ने ली है, जो नि:शुल्क उपचार करेगें।
10 किलोमीटर तक भटकी थी बालिका
बालिका के साथ हैवानियत का मामला कुछ इस तरह से सामने आया था जिसमें वह 23 सितंबर को सतना से लापता हो गई थी, 24 सितंबर की रात वह उज्जैन आई थी। 25 सितंबर की सुबह उसे रेलवे स्टेशन से आटो चालक उसे अपने साथ ले गया था और जीवनखेड़ी के ग्राम गंगेडी मार्ग पर हैवानियत कर छोड़ भागा था। बालिका को अकेला देख दूसरे आटो चालक ने उसे हाटकेश्वर कालोनी तक छोड़ा था, जहां से वह 10 से 12 किलोमीटर तक पैदल भटकते हुए अद्र्धनग्न हालत में मुरलीपुरा तक पहुंची थी। इस दौरान कई लोगों ने देखा, लेकिन मदद नहीं की थी।