दक्षिण से भैया जीते तो सीएम के दावेदार होंगे!
दैनिक अवन्तिका(उज्जैन) भाजपा की प्रदेश सरकार में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के सिपहसालार रहे उज्जैन दक्षिण के विधायक एवं उच्च शिक्षा मंत्री डा.मोहन यादव को पार्टी से उम्मीद़वार घोषित किए जाने के बाद से उनके समर्थकों में विशेष उत्साह बना हुआ है।समर्थकों चर्चारत हैं कि दक्षिण में जीत के साथ ही भैया की सीएम पद की दावेदारी को केंद्रीय नेतृत्व ध्यान देगा। भैया के लिए समर्थक पुरी ताकत के साथ मैदान में उतर गए हैं। छात्र राजनीति से सत्ता की सियासत में आए डा.मोहन यादव ने प्रदेश में भाजपा की 18 साल की पारी में धुंआधार बल्लेबाजी की है। कभी तत्कालीन मुख्यमंत्री उमा भारती के खासमखास में उनकी गिनती हुआ करती थी। इसी के चलते वे उज्जैन विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष पद पर पहुंचे थे। इसके बाद तो डा.यादव ने पलटकर नहीं देखा। 2013 में उन्हें उज्जैन दक्षिण से मैदान में उतारा गया तो वहां भी उन्होंने कांग्रेस में अपनी सियासती चालों से हलचल मचा दी। विधानसभा के शुरूआती इन पांच सालों में सत्ता में उन्होंने अपने पांव अंगद की तरह जमाते हुए उज्जैन दक्षिण के मतदाताओं का सम्मान बरकरार रखा।वर्ष 2018 में भी कांग्रेस को पटखनी देने के बाद उनका कद और बढ़ा और उन्होंने सत्ता में उज्जैन दक्षिण के मतदाताओं को उच्च शिक्षा मंत्री के रूप में अपना नेतृत्व दिया।भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व मे लगातार अपनी पैठ को गहरी करते रहे।यही कारण रहा कि संभागीय मुख्यालय की महत्वपूर्ण सीट से उन्हें एक बार फिर से मौका दिया गया है। अनन्य त्याग और समर्पण वाले समर्थकों में उनका कद और बढ गया । इसी के चलते समर्थकों में उत्साह बढते जा रहा है। दक्षिण के बैरवा,ठाकुर ,ब्राम्हण मतदाता में उनकी पैठ को बनाए रखने के लिए समर्थक पूरी निष्ठा के साथ मैदान में उतर गए हैं।उम्मीदवारी तय होते ही समर्थक अब भैया को सीएम की दौड में देख रहे हैं।समर्थकों का कहना है कि भैया ने अब तक जो दो चुनाव एक तरफा जीते हैं वे भी इन्ही मतदाताओं को साधकर ही जीते हैं।खास तो यह रहा कि 2013 में उनके सामने कांग्रेस से ठाकुर उम्मीदवार एवं 2018 में ब्राम्हण उम्मीदवार होने के बावजूद भैया ने विरोधी उम्मीदवार के समाज के मतदाताओं में ही जमकर सेंध लगाई और जीत हासिल की । समर्थकों को पूरा विश्वास है कि नगर सरकार में हमने दक्षिण से जमकर पार्षद दिए हैं। महापौर का उम्मीदवार भी भैया की पसंद का और बैरवा समाज से ही रहा है। इसके चलते इस चुनावी रण में हमें बैरवा,ब्राम्हण ,ठाकुर समाज से जमकर जीत हासिल होना ही है। इस बार भैया पिछली बार के तमाम रिकॉर्ड को ध्वस्त कर देंगे।इन बार का रिकॉर्ड भैया को सीएम की दौड में शामिल करने में कारगर होगा। समर्थक दक्षिण के गांव गांव में भैया की रेकार्ड तोड जीत के लिए कमर कसकर मैदान में उतर गए हैं।