मोहनपुरा के रहवासियों ने जताई नाराजगी, कहा इस बार आने दो नेताओं को वोट मांगने….पुल का काम पूरा करवाने का जो वादा करेगा उसे ही देंगे वोट
दैनिक अवन्तिका(उज्जैन) बड़नगर रोड पर मोहनपुरा पुल का निर्माण कार्य अधर में लटक गया है। पुल निर्माण कंपनी आधे अधूरे निमार्णाधीन पुल का कार्य बंद कर फरार है। निर्माण विभाग की लापरवाही के कारण कई माह से मोहनपुरा पुल का निर्माण कार्य अधूरा पड़ा हुआ है। 2016के सिंहस्थ के बाद मोहनपुरा पुल का काम शुरू हुआ था लेकिन अभी तक पुल बनकर तैयार नहीं हुआ है। मोहनपुरा के समीप रेलवे क्रॉसिंग पर हमेशा वाहनों का जाम लगा रहता है। मोहनपुरा के लोगों ने पुल निर्माण पूरा नहीं होने पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि इस बार आने दो नेताओं को वोट मांगने। जो पुल का काम पूरा करवाने का वादा करेगा उसे ही वोट देंगे। बड़नगर रोड पर मोहनपुरा के यहां 21 करोड़ की लागत से पुल बनाया जा रहा है। पुल का निर्माण कार्य शुरू से ही धीमी गति से चल रहा है । पिछले कई वर्षों से यह पुल बन रहा है लेकिन हर बार कुछ ना कुछ समस्या की वजह से इसका निर्माण कार्य रुक जाता है। वर्तमान में पिछले कई माह से पुल का काम बंद पड़ा है। 2018 में इस ब्रिज का काम रेलवे की आपत्ति के कारण रोक दिया गया था। उसके बाद कई दिनों तक इस ब्रिज का कार्य बंद पड़ा रहा। जबकि मोहनपुरा पुल का कार्य आदेश से ज्यादा हो चुका है ।। लेकिन शुरू से ही मोहनपुरा ब्रिज का काम धीमी गति से चल रहा है। आधे से ज्यादा बन चुका है पुल : पुल का निर्माण लगभग 80% के लगभग हो चुका है वही पुल के सभी पिलर बनकर तैयार है। वही रेलवे क्रॉसिंग का हिस्सा भी बनकर तैयार हो गया है। पुल आधे से ज्यादा बनकर तैयार हो चुका है पुल का कुछ हिस्सा ही बचा है जिसका निर्माण कार्य किया जाना बाकी है। लेकिन पिछले 5-6 महीने से पुल का निर्माण कार्य बंद पड़ा है और ठेकेदार भी नदारद है तथा पुल बनाने के संसाधन वहीं पड़े हुए हैं। जिसकी देखरेख के लिए एक चौकीदार मौजूद हैं। मोहनपुरा के निवासी बाबूलाल पटेल, सुनील शर्मा, इंदर सिंह पटेल, जीवन सिंह पटेल, भगवान सिंह, तेजू पटेल, जगदीश सेन, शिव सिंह, आदिल खान, शुभम सेन ने संयुक्त रूप से बताया कि कई वर्षों से पुल का काम चल रहा है लेकिन अभी तक पुल बनकर तैयार नहीं हुआ है कई महीने से पुल का निर्माण कार्य भी बंद पड़ा है। इस बारे में जनप्रतिनिधियों को भी अवगत करा चुके हैं। लेकिन अभी तक हमारी समस्या का कोई निराकरण नहीं हुआ है।