डेढ माह से तीन युवक उज्जैन में खपा रहे थे नकली नोट दुकानों पर चलाये 25 हजार, 16 तक रिमांड पर
उज्जैन। बाजार में नकली नोट खपा रहे तीन युवको को पुलिस ने हिरासत में लिया है। जिनके पास से 2 लाख 5 हजार हजार के नोट मिले है। नीलगंगा पुलिस ने धारा 489 बी और 489 सी का प्रकरण दर्ज कर तीनों को शुक्रवार दोपहर न्यायालय में पेश कर 16 अक्टूबर तक रिमांड पर लिया है। नीलगंगा टीआई विवेक कनोडिय़ा ने बताया कि इंदौर अन्नपूर्णा थाना पुलिस ने नकली नोट छापने वाले गिरोह को पकड़ा है। जिसमें रेलवे कालोनी गऊघाट का रहने वाला हिमांशु गौसर भी शामिल है। इंदौर पुलिस की पूछताछ में उसने उज्जैन के युवको को बाजार में चलाने के लिये नकली नोट देना कबूल किया था। लिंक मिलने पर गुरूवार देर शाम गऊघाट रेलवे कालोनी में रहने वाले लोकेश पिता रामदयाल वर्मा को पकड़ा गया। जिसने हिमांशु गौसर से 40 प्रतिशत कमीशन पर नकली नोट लिये थे। पूछताछ करने पर लोकेश ने बताया कि नकली नोट चलाने में उन्हेल के ग्राम आरोलिया जस्सा में रहने वाला प्रहलाद पित बनेसिंह राजपूत और सुरेश पिता दयाराम राठौर निवासी ग्राम इलाहीपुर भैरवगढ़ भी शामिल है। रात में ही दोनों को गिरफ्तार किया गया और नकली नोट बरामद करने का प्रयास शुरू किया। सुरेश ने ड्रम में नोट छुपाकर रखे थे, वहीं प्रहलाद और लोकेश ने अलमारी, दीवान पेटी में नोट छुपा दिये थे। तीनों के पास से 2 लाख 5 हजार 500 रूपये जब्त किये गये है। जिसमें 101 नोट 2000 हजार और 500 के 7 नोट शामिल है। बाजार में नकली नोट चलाने के मामले में प्रकरण दर्ज करने के बाद रिमांड पर लिया गया है। तीनों डेढ़ माह में 25 हजार के नोट बाजार में खपा चुके है। 2000 हजार के नोट चलन से बाहर होने पर घर में छुपा रखे थे। सिर्फ 500 के खपा रहे थे।
मुम्बई पुलिस का वारंटी है सुरेश राठौरबताया जा रहा है कि नकली नोट चलाने वाले सुरेश राठौर मुम्बई पुलिस का फरार वारंटी है। वह लाखों की धोखाधड़ी कर चुका है। काफी समय से मुम्बई पुलिस को उसकी तलाश भी है। दूसरा आरोपी प्रहलाद राजपूत झाड-फंूक का काम करता है। लोकेश वर्मा हरसिद्धी मंदिर के पास हार-फूल की दुकान लगाता है और कर्ज में डूबा है। उसकी बेटी बीमार रहती है, वह प्रहलाद के पास बेटी को लेकर जाता था। सबसे पहले लोकेश ने हिमांशु से नकली नोट लेकर बाजार में चलाना शुरू किये थे, फिर प्रहलाद और सुरेश को साथ मिला लिया। इंदौर पुलिस ने मारी थी सिलिकॉन सिटी में दबिश कुछ दिन पहले अन्नपूर्णा नगर में किराना दुकान चलाने वाला गौरव जैन गुमास्तानगर इंदौर की स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में 3 अक्टूबर को पैसे जमा करने पहुंचा था, बैंक केशियर ने उसे 500 का नोट नकली होना बताया था। गौरव ने ग्राहको पर नजर रखना शुरू किया। 5 अक्टूबर को गणेश नाम का युवक सामान लेने पहुंचा और पांच सौ का नोट दिया। उसने बैंक द्वारा लौटाए नोट से मिलान किया, दोनों की सिरिज और नम्बर एक होना सामने आये। उसने गणेश को पकड़ा और अन्नपूर्णा थाना पुलिस को सौंपा। पूछताछ के बाद इंदौर पुलिस ने राजेन्द्र सिलिकॉन सिटी पलास परिसर में एक फ्लैट पर दबिश मारी। जहां नकली नोट छापने का बड़ा खुलासा हो गया। नोट छापने वाले मुख्य आरोपी राजेश बारपेटे के साथ चार साथियों को पकड़कर 4 प्रिंटर, कम्प्यूटर, स्कैनर, नोट चैक करने की मशीन के साथ 1.60 लाख के नकली नोट और उच्च क्वालिटी का कागज जिस पर 50 लाख तक नोट छापे जा सकते थे जब्त किये। शातिर दिमाग है गिरोह का सरगना इंदौर पुलिस के अनुसार नकली नोट छापने वाले गिरोह का सरगना राजेश बारपेटे बैतूल का रहने वाला है और काफी शातिर दिमाग है। वह डेढ़ साल से नोट छापने और गिरोह के सदस्यों के माध्यम से बाजार में डिस्टीबूट करने का काम कर रहा था। उसने अपना डेढ़ सर्टिफिकेट भी बना रखा है और अशोक चौहान नाम से इंदौर में निवास कर रहा है।