2 हजार वेतन पाने वाले को 30 लाख का भूखंड किया आवंटित विकास प्राधिकरण के पूर्व सीईओ सहित 9 पर लोकायुक्त में प्रकरण दर्ज
विकास प्रादैनिक अवन्तिका उज्जैन। 12 हजार का वेतन पाने वाले कर्मचारी को 30 लाख का भूखंड आवंटित किये जाने और नियम विरूद्ध राजपत्रित अधिकारियों के लिये बनाये आवास दिये जाने के मामले में हुई शिकायत के बाद लोकायुक्त ने विकास प्राधिकरण के पूर्व सीईओ, उनके ससुर सहित 9 लोगों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है। लोकायुक्त डीएसपी सुनील तालान ने बताया कि वर्ष 2021 में पुलिस अधीक्षक अनिल विश्वकर्मा को सूरज नगर में रहने वाले राहुल कटारिया ने शिकायत दर्ज कराते हुए बताया था कि विकास प्राधिकरण उज्जैन के चतुर्थ श्रेणी, बीपीएल कार्डधारी कर्मचारी मनीष यादव को एचआईजी श्रेणी का 216 वर्गमीटर का भूखण्ड क्रमांक ए-16/7 त्रिवेणी विहार नियम विरूद्ध आवंटित किया गया। मात्र बारह हजार मासिक वेतन पाने वाले कर्मचारी द्वारा 30 लाख बाजार मूल्य वाला भूखण्ड कर्मचारी कोटे में 25 लाख रूपये में खरीदा गया है। शिकायत की जांच में सामने आया कि उक्त भूखण्ड के आवंटन में अनियमितता हुई। भूखण्ड क्रय करने के दौरान बोली लगाने की ई.एम.डी. (प्रतिभूति राशि ) सहित आवेदन के पश्चात तक कुल 25,40,000/- रू का भुगतान महावीर यादव द्वारा किया गया है, जो तत्कालीन सीईओ सोजनसिंह रावत के ससुर है। प्राधिकरण की तत्कालीन गठित समिति सहित भुगतान की जांच करने वाले अधिकारी / कर्मचारी द्वारा सीईओ के प्रभाव में आकर नियम विरुद्ध आवंटन किया। मनीष यादव को 27 अप्रैल 2022 को अलखनंदा नगर योजना में निवास के लिये शासकीय क्वार्टर एफ टाईप का पूर्णत: नियम विरूद्ध आवंटित किया गया। उक्त आवास की पात्रता केवल राजपत्रित अधिकारियों को ही है जबकि चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी को आवास रहने के लिये दिया गया है। मनीष यादव के साथ ही त्रिवेणी विहार के भूखण्ड क्रमांक ए-16/7 के लिये कार्यपालन यंत्री के.सी. पाटीदार ने भी निविदा भरी थी, उन्हें क्षिप्रा विहार के भूखण्ड सी -12/9 के लिये आवेदन कराया गया। भूखण्ड क्रमांक ए-16/7 के लिये तैयार शपथपत्र में कांटछांट कर उसी को सी-12/9 क्षिप्रा विहार के आवेदन में संलग्न किया गया। ए-16/7 त्रिवेणी विहार की पाटीदार की निविदा प्राधिकरण कर्मचारी का प्रमाण-पत्र न लगाने का कारण बताकर निरस्त की गयी तथा सी-12 / 9 की निविदा में गलत शपथ पत्र व फार्मेट का कर्मचारी प्रमाण पत्र लगाने पर भी निविदा वैध मान ली गयी और नियम विरूद्ध आवंटन आदेश उनके पक्ष में किया गया। डीएसपी तालान के अनुसार जांच में कई और गड़बडियां भी सामने आने पर मामले में पूर्व विकास प्राधिकरण उज्जैन सीईओ और वर्तमान नर्मदापुरम सीईओ सोजानसिंह रावत ने पद का दुरूपयोग करते हुए भूखंड खरीदवाया है। जिसमें उनके ससुर महावीर सिंह यादव निवासी गुना सहित विकास प्राधिकरण कर्मचारी मनीष यादव स्थायीकर्मी यूडीए, के.सी. पाटीदार, कार्यपालन यंत्री, विनोद सिंघई तत्कालीन कार्यपालन यंत्री, नितिन यादव तत्कालीन योजना प्रभारी त्रिवेणी विहार, मुकेश सोलंकी समिति सदस्य व योजना प्रभारी, जयदीप शर्मा, तत्कालीन संपदा अधिकारी और सौरभ कुमार दोहरे तत्कालीन की भूमिका भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की रही है। जिसके चलते सभी के खिलाफ अपराध क्रमांक 221/2023 धारा 7, 13 (1) ए, 13 (2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (संशोधन 2018) व 409, 420, 120-बी भादवि का प्रकरण दर्ज कर विवेचना में लिया गया है।