नेपानगर मे कांग्रेस उम्मीदवार घोषित होने से पूर्व पार्टी मै दिखी फुंट.. क्या गेंदू बाई को प्रत्याशी बनाने पर नगर पालिका अध्यक्ष सहित कई पार्टी पदाधिकारी देंगे इस्तीफा?

नेपानगर।  नेपानगर विधानसभा में कांग्रेस ने अभी नाम घोषित नहीं किया है लेकिन मीडिया में उड़ रही खबरों को सच मान कर पूरी कांग्रेस मे भारी घमासान मचा हुआ है। आप को बता दे एक समाचार पत्र मै नेपानगर विधानसभा से गेंदू बाई चौहान का नाम संभावित उम्मीदवार के तौर पर छापा गया है। लेकिन कांग्रेस से उम्मीदवारी कर रहे अन्य प्रत्याशियों के समर्थको को यह खबर हजम नहीं हो पा रही है। फिलहाल पार्टी की और से भी कोई आधिकारिक घोषणा किसी के नाम की नहीं हुई लेकिन उससे पहले ही सोशल मीडिया के व्हाट्सअप ग्रूपो मे कांग्रेस पदाधिकारियों ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के नाम से एक आवेदन पत्र वायरल कर दिया जिसमे संभावित उम्मीदवार गेंदू बाई का खुल्ला विरोध किया गया वहीं विरोध करने वालो के नाम व पद भी पार्टी पदाधिकारियों द्वारा स्तीफे के तौर पर इस वायरल मैसेज मे लिखे गए थे। आप को बता दे इस वायरल मैसेज कई मुख्य पदो पर बैठे कांग्रेसियों के नाम डाले गए जिसमे सबसे अधिक चौकाने वाला नाम नगर पालिका अध्यक्ष भारती विनोद पाटील का भी है। पार्टी प्रत्याशी घोषित होने से पूर्व ही कांग्रेस के अंदर विरोध के सुर गूंजने लगे है।

आप को बता दे कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के व्हाट्सएप पर कांति कास्डे के समर्थन में बना ग्रुप कनाग्रेसियो के विरोध का अड्डा बना हुआ है। इसी व्हाट्सअप ग्रुप पर एक मैसेज वायरल हो रहा है। जिसमे गेन्दू बाई को टिकिट देने पर कुछ कांग्रेसियों द्वारा नकारा जा रहा है। गेन्दू बाई को टिकिट क्यो ना दिया जाए इसका भी जिक्र किया गया है साथ ही कुछ 50 से अधिक पदाधिकारियों ने इस्तीफा दिये जाने की बात भी लिखी है। जिनमे बड़े बड़े नाम भी शामिल है। आईटी सेल प्रदेश महासचिव धीरज करोसिया, पूर्व नगर कांग्रेस अध्यक्ष सोहन सैनी, नगर पालिका अध्यक्ष भारती पाटिल सहित ब्लॉक कांग्रेस, युवा कांग्रेस और अन्य पदाधिकारी व कार्यकर्ता इस्तीफे देने की बात कह रहे है। सोशल मीडिया पर टिका टिपण्णी भी तेज हो गई है वही टिकिट की आहट से पहले ही गेन्दू बाई का विरोध पार्टी होना व टिकिट की दावेदारी करते समय किसी ने कोई चिंता नही जताई वही अब कांग्रेस में फूट साफ नजर आ रही है।

वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वायरल हो रहे इस मैसेज मै कई नाम एसे भी जोड़े गए है जो इस मैसेज से सहमत नहीं है लेकिन फिर भी उनका नाम इस्तीफे वाली लिस्ट मै नाम शामिल है बड़ी बात यह है कि वायरल मैसेज के बाद किसी ने भी इस मैसेज मे नाम शामिल किए जाने पर कोई आपत्ति नहीं ली ना ही मैसेज डालने वाले से किसी प्रकार का खंडन करवाया जिससे यह अनुमान लगाया जा सकता है की शायद इस सूची में शामिल पदाधिकारियों की सहमति हो सकती है।

रिपोर्ट  धनराज पाटील