कोरोना से माता या पिता खो चुके 412 बच्चों को 1 करोड़ की मदद दानदाताओं ने खोले हाथ, विदेश से भी आई मदद

ब्रह्मास्त्र इंदौर। कोरोना महामारी के शिकार होकर अनाथ हुए बच्चोंं की सहायता के लिए शासन की योजना पूरी कारगर नहीं हो पाई। माता या पिता में से किसी को खोकर सिंगल पैरेंट्स वाले बच्चों को कोई मदद नहीं मिल पा रही थी। ऐसे बच्चों की मदद के लिए इंदौर कलेक्टर ने शहर के दानदाताओं से सहयोग की अपील की थी। इसके बाद इन बच्चों की सहायता के लिए अभी तक सैकड़ों दानदाता आगे आकर अब तक 1 करोड़ की मदद कर चुके हैं। यह अभियान अभी जारी है। इनमें से कुछ बच्चों के साथ होम लोन, व्हीकल लोन नहीं भर पाने जैसी समस्याएं भी थीं। वह भी हल हो गई।

412 बच्चे रह जाते मदद से वंचित

कोरोना की दो लहरों के दौरान इंदौर जिले में 53 बच्चों ने अपने माता -पिता दोनों को खो दिया। वहीं 412 ऐसे बच्चे भी हैं, जो अपने माता-पिता में से किसी एक को खो चुके हैं। पूरी तरह से अनाथ हो चुके 53 बच्चों के लिए तो मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल कल्याण योजना के जरिए शासन-प्रशासन हर महीने 5000 रुपए सहित राशन, स्कूल फीस की व्यवस्था करता आ रहा है । इसके अलावा 402 बच्चे अपने माता- पिता में से किसी एक को खो चुके हैं, यानी जिनके सिंगल पैरेंट्स हैं , ऐसे 412 बच्चों के लिए शासन की योजना सम्बन्धित नियमों के कारण किसी भी तरह की कोई भी मदद नहीं मिल पा रही थी। इस वजह से ऐसे बच्चों के लिए दो वक्त की रोटी से लेकर स्कूली पढ़ाई का संकट खड़ा हो चुका था। ऐसे हालात में बच्चों से करीबी परिजनों सहित रिश्तेदारों ने भी दूरियां बना ली थीं। इन्हें व इनके परिवारों को हर तरफ अंधेरा ही अंधेरा नजर आ रहा था।

दो दानदाताओं ने दिए 72 लाख

केवल दो दानदाताओं ने ही 72 लाख रुपए की बड़ी मदद दे दी। वहीं विदेशों से भी मदद मिलना शुरू हो गई। यह दानदाता एक साल तक हर माह इन सभी बच्चों को 2000 रुपए की आर्थिक मदद करेंगे। इनमें से कई इंदौरी दानदाताओं ने तो इन बच्चों की पूरी पढ़ाई तक का खर्चा उठाने की भी पहल की।

Author: Dainik Awantika