बड़ा फैसला: झुकना पड़ा पीएम मोदी को तीनों कृषि कानून वापस
पीएम का राष्ट्र के नाम संबोधन: किसानों की जिद के आगे 14 महीने बाद प्रकाश पर्व पर तीनों कृषि कानून वापस लेने की घोषणा
ब्रह्मास्त्र नई दिल्ली। पिछले एक साल से किसान आंदोलन की वजह बने तीनों नए कृषि कानून केंद्र सरकार ने वापस ले लिए हैं। शुक्रवार को देश के नाम अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने यह बड़ा ऐलान किया। अपने 18 मिनट के संबोधन में मोदी ने कहा कि सरकार तीनों कृषि कानूनों को नेक नीयत के साथ लाई थी, लेकिन यह बात हम किसानों को समझा नहीं पाए।
मोदी ने कहा कि हम पूरी विनम्रता से किसानों को समझाते रहे। बातचीत भी होती रही। कानून के जिन प्रावधानों पर उन्हें ऐतराज था उन्हें सरकार बदलने को तैयार हो गई। साथियों मैं आज गुरु नानक देवजी का पवित्र पर्व है यह समय किसी को दोष देने का नहीं है। मैं आज यह पूरे देश को यह बताने आया हूं कि हमने तीनों कृषि कानून वापस लेने का फैसला किया है। इसी महीने हम इसे वापस लेने की प्रक्रिया पूरी कर देंगे।
किसानों पर 18 मिनट तक बोले मोदी
तीनों नए कृषि कानूनों को 17 सितंबर, 2020 को लोकसभा ने मंजूर किया था। राष्ट्रपति ने तीनों कानूनों के प्रस्ताव पर 27 सिंतबर को दस्तखत किए थे। इसके बाद से ही किसान संगठनों ने कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन शुरू कर दिया था। पिछले एक साल से किसान दिल्ली के बॉर्डर पर धरना दे रहे थे। प्रकाश पर्व पर मोदी का संबोधन सुबह 9 बजे शुरू हुआ। यह कोरोना के दौर में देश के नाम उनका 11वां संदेश था। इस बार 18 मिनट का उनका पूरा जोर किसानों पर ही रहा।
प्रकाश पर्व की शुभकामनाओं के साथ संबोधन की शुरुआत
मोदी ने कहा, ‘मेरे प्यारे देशवासियों आज देव दीपावली का पावन पर्व है। आज गुरुनानक देव जी का भी पावन प्रकाश पर्व है। मैं विश्व में सभी लोगों और सभी देशवासियों को बधाई देता हूं। यह भी बेहद सुखद है कि डेढ़ साल बात करतारपुर साहिब कॉरिडोर फिर से खुल गया है। गुरुनानक देव जी ने कहा है कि संसार में सेवा का मार्ग अपनाने से ही जीवन सफल होता है। हमारी सरकार इसी सेवा भावना के साथ देशवासियों का जीवन आसान बनाने में जुटी है। न जाने कितनी पीढ़ियां जिन सपनों को सच होते देखना चाहती थीं, भारत उन्हें साकार करने की कोशिश कर रहा है।
किसान कल्याण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी
प्रधानमंत्री ने कहा- मैंने किसानों की परेशानियों और चुनौतियों को बहुत करीब से देखा है। जब देश ने मुझे 2014 में प्रधानमंत्री के तौर पर देश की सेवा का मौका दिया, तो हमने किसान कल्याण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी। बहुत लोग अनजान हैं कि देश के 100 में से 80 किसान छोटे किसान हैं। उनके पास 2 हैक्टेयर से भी कम जमीन है। इनकी संख्या 10 करोड़ से भी ज्यादा है। उनकी जिंदगी का आधार यही छोटी सी जमीन का टुकड़ा है।
मोदी ने कहा कि ये किसान इसी जमीन से अपने परिवार का गुजारा करते हैं, इसलिए देश के छोटे किसानों की परेशानियों को दूर करने के लिए बाजार, बीमा, बीज और बचत पर चौतरफा काम किया। हमने किसानों को अच्छी क्वालिटी के बीज के साथ नीम कोटेड यूरिया और सॉयल हेल्थ कार्ड जैसी सुविधा दी। इन प्रयासों से प्रोडक्शन बढ़ा। हमने फसल बीमा योजना से ज्यादा से ज्यादा किसानों को जोड़ा। बीते चार साल में एक लाख करोड़ से अधिक का मुआवजा किसान भाई-बहनों को मिला है।
हम छोटे किसानों के लिए बीमा और पेंशन की सुविधा भी लाए। हम उनकी सुविधाओं को ध्यान रखते हुए उनके खातों में सीधे एक लाख 62 हजार करोड़ रुपए ट्रांसफर किए। उन्हें उनकी उपज की सही कीमत मिले, इसके लिए भी कई कदम उठाए। इन्फ्रास्ट्रक्चर को बेहतर किया, एमएसपी बढ़ाई। इससे उपज के पिछले कई रिकॉर्ड टूट गए है। देश की मंडियों को ई-नाम योजना से जोड़कर किसानों को अपनी उपज कहीं भी बेचने का प्लेटफॉर्म दिया। कृषि मंडियों पर करोड़ों रुपए खर्च किए। पहले के मुकाबले देश का कृषि बजट 5 गुना बढ़ गया है।
हम छोटे किसानों के फायदे के लिए तीनों कृषि कानून लाए थे
मोदी ने कहा कि किसानों की ताकत बढ़ाने के लिए दस हजार एफपीओ किसान उद्पादक संगठन बनाने की भी प्लनिंग है, इस पर 7 हजार करोड़ रुपए का फंड खर्च किए जा रहे हैं। हमने क्रॉप लोन बढ़ा दिया। यानी हमारी सरकार किसानों के हित में लगातार एक के बाद एक कदम उठाती जा रही है। पूरी ईमानदारी से काम कर रही है। साथियों किसानों की इसी अभियान में देश में तीन कृषि कानून लाए गए थे। देश के किसानों को खासकर छोटे किसानों को फायदा हो। यह मांग देश में लंबे समय से होती रही थी। पहले भी कई सरकारों ने इस पर मंथन किया था। इस बार भी संसद में चर्चा हुई मंथन हुआ और यह कानून लाए गए। देश में अनेक किसान संगठनों ने इसका संमर्थन किया। मैं आज उन सभी का बहुत-बहुत आभारी हूं। धन्यवाद करता हूं।
तीनों कृषि कानून, जिनके खिलाफ आंदोलन कर रहे थे किसान
1. कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक 2020… 2. कृषक (सशक्तिकरण-संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक 2020 … 3. आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक 2020 ।
[10:43 am, 19/11/2021] Yogendra Joshi Sir: Box
टिकैत बोले- संसद में कानूनों के रद्द होने तक आंदोलन वापस नहीं लेंगे
दिल्ली बॉर्डर पर किसानों ने जश्न शुरू कर दिया है। साथ ही बाद सोशल मीडिया पर रिएक्शन आने शुरू हो गए हैं। किसान यूनियन के अध्यक्ष राकेश टिकैत ने कहा कि हम तब तब कृषि कानून वापस नहीं लेंगे जब तक कानूनों को संसद में रद्द नहीं किया जाएगा।
-गाजीपुर पर किसानों ने किसान जिंदाबाद का नारा लगाया
-कांग्रेस ने ट्वीट किया- सरकार का अभिमान टूट गया और किसान जीत गए।
-राहुल गांधी ने कहा- अन्याय के खिलाफ ये जीत मुबारक हो!
राहुल गांधी ने अपना एक पुराना वीडियो ट्वीट करके लिखा कि देश के अन्नदाता ने सत्याग्रह से अहंकार का सर झुका दिया। अन्याय के खिलाफ ये जीत मुबारक हो!
– आप ने ट्वीट किया- आंदोलन में मरने वालों के परिवार से माफी मांगे मोदी।
– पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिद्धू ने कहा- किसानों की कुर्बानी रंग लाई है।
-भाजपा नेता प्रकाश जावड़ेकर ने कहा- इसे कहते हैं जिम्मेदार सरकार।