टिकट चैक करने के लिये मैकेनिक बन जाता था टीटीई
दैनिक अवंतिका(उज्जैन) उज्जैन -भोपाल रनिंग ट्रेन से पकड़ाया, जीआरपी ने दर्ज किया केसउज्जैन। रात के समय ट्रेनों में सवार होकर यात्रियों के टिकट चैक करने के नाम पर वसूली करने वाला फर्जी टीटीई गिरफ्त में आ गया है। कुछ दिनों से उसकी शिकायत रेलवे पुलिस को मिल रही थी। जीआरपी ने उसके खिलाफ धारा 419, 170, 171 का प्रकरण दर्ज किया है।ट्रेनों में फर्जी टीटीई की शिकायत मिलने के बाद रेलवे पुलिस अधिकारियों द्वारा जीआरपी उज्जैन थाना प्रभारी ज्योति शर्मा, एसआई एन कुजूर, एएसआई संतोष शर्मा, मोहम्मद युनूस गौरी, प्रधान आरक्षक रवि परते और आरपीएफ शुजालपुर पोस्ट प्रभारी हरदेवसिंह की टीम बनाकर कार्रवाई के निर्देश जारी किये गये थे। बीती रात भोपाल-उज्जैन रनिंग ट्रेन में फर्जी टीटीई के द्वारा यात्रियों के टिकट चैक करने और 200 रूपये वसूलने की खबर मिलते ही टीम ने शुजालपुर से चलती ट्रेन में तलाश शुरू की। कालापीपल स्टेशन के समीप उसे तलाश निकाला। जिससे हिरासत में लेकर उज्जैन जीआरपी थाने लाया गया। ज्योति शर्मा ने बताया कि पूछताछ में सामने आया कि फर्जी टीटीई दिवाकर पिता बद्रीप्रसाद मिश्रा 32 वर्ष निवासी शिवनगर कालोनी विदिशा रोड हुजूर भोपाल होना सामने आया। उसके पास मिला आई कार्ड ट्रेनों में एसी मैकेनिक का होना पाया गया है। जिसे जप्त करने के साथ टीटीई की वर्दी बरामद की गई है। मामले में प्रकरण दर्ज कर जांच की जा रही है।ट्रेन में चढऩे के बाद बदलता था कपड़े फर्जी टीटीई बनकर यात्रियों से रूपयों की वसूली करने वाले दिवाकर से पुलिस पूछताछ के दौरान सामने आया कि वह प्लेटफार्म से ट्रेन के रवाना होते ही चढ़ जाता था, उसके बाद टॉयलेट में जाकर टीटीई की वर्दी पहन लेता था उसके बाद यात्रियों के टिकट चैक करता था। टिकट नहीं मिलने पर रूपये वसूल लेता था। उसके बाद एक-दो स्टेशन गुजरने पर उतर जाता था।
टे्रनों के कोच में सुधारता था एसी जीआरपी ने बताया कि फर्जी टीटीई ट्रेनों के कोच में एसी सुधारने का काम करता था। उसे अधिकांश ट्रेनों की पूरी जानकारी थी। ट्रेनों में काम करने के दौरान उसने यात्रियों के टिकट चैक करते रेलवे के टीटीई को देखा और उनका तरीका सीख लिया। जिसके बाद उसने खुद टीटीई की वर्दी पहना शुरू कर दिया। जिसे बाजार से खरीदना बताया है।अब नौकरी से धोना पड़ेगा हाथ ट्रेनों के कोच में एसी सुधारने की नौकरी करने वाले मैकेनिक की जालसाजी का मामला सामने आने और धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज होने पर रेलवे अधिकारियों ने संज्ञान लिया है। कहा जा रहा है कि दिवाकर मिश्रा को अपनी करतूत के चलते अब नौकरी से भी हाथ धोना पड़ सकता है। पुलिस विवेचना के बाद उसे सजा भी हो सकती है।