59 वर्षीय संत शिरोमणि श्री सुधाकर जी महाराज का जन्म दिवस वेदोक्त रीति से मनाया गया

मनावर। श्री श्री 1008 श्री गजानन जी महाराज, श्री अंबिका आश्रम, श्री बालीपुर धाम के सुदामा स्वरूप शिष्य श्री सुधाकर जी महाराज का जन्म दिवस वेदोक्त रीति से मनाया गया। प्रातकाल संध्या, जप ,पूजन- अर्चन कर श्री नीलकंठ महादेव जी का अभिषेक किया गया। भारतीय सनातन संस्कृति के अनुसार अपनी साधारण वेशभूषा में ही शोलया और गमछे में अभिषेक किया गया। श्री योगेश जी महाराज के साथ संत समागम हुआ। श्री सुधाकर जी महाराज ने गुरु शिष्य परंपरा का निर्वाह करते हुए सर्वप्रथम ” बाबाजी ” को दीप प्रज्वलित कर वेद मंत्रोच्चार से श्लोक को बोलकर दंडवत प्रणाम किया। उसके पश्चात श्री अम्बिका आश्रम बोधवाडा में जाकर ग्यारह मुखी हनुमान जी महाराज की वंदना कर श्री हनुमान चालीसा का पाठ किया।नर्मदा दर्शन कर वापस श्रीधाम बालीपुर मे लौटे ।बाबाजी से गुरु दीक्षा लेकर वेदों को सर्व श्रेष्ठ माना।

आडम्बरों से दूर रहकर उन्होंने वेदो को अपने आन्तरिक ह्रदय मे उतारकर भक्तो को संस्कारित किया।उनका जीवन सुदामा स्वरूप ही है।चाहे गर्मी हो, सर्दी, बरसात हो। हमेशा एक जैसे ही रहते है।जन्म- उत्सव धार्मिक रीति रिवाज से मनाया गया ।संतों की भूमिका ,त्याग और तपस्या की होती है। उनके संस्कार, उपलब्धियां को गिना नही जा सकता है। भक्तो द्वारा उन्हें फूलों की माला से सुशोभित किया । सभी भक्तों ने श्री सुधाकर जी महाराज से आशीर्वाद प्राप्त किया ।पश्चात भंडारा हुआ।जगदीश पाटीदार ने कार्यक्रम का संचालन कर गुरू-शिष्य परम्परा को संबोधित किया।गुड्डी,शीतल जीजी,रूकमणी जीजी,गंधवानी के गुरू भक्त, नवनीत, सारीका पाटीदार, सुभाष राठौड,रमेश चोयल,ओमप्रकाश राठौड ,पत्रकार दिलीप राठौड, पत्रकार कौशिक पंडित,गौरव पाटीदार, संजय भायल,पन्नालाल आदि उपस्थित थे।