इंदौर एसडीएम सपना लोवंशी पर हाई कोर्ट ने किया 10 हजार का अर्थदंड, जेब से भरना होगा जुर्माना
इंदौर। सरफेसी एक्ट को लेकर दिए कोर्ट के आदेश का पालन नहीं करना एसडीएम सपना लोवंशी को भारी पड़ गया। हाई कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए उन पर 10 हजार का अर्थदंड लगाया है।
हाईकोर्ट ने कहा कि एसडीएम ने पूर्व में दिए आदेश की अपने हिसाब से व्याख्या की। उन्होंने एक्ट के प्रावधानों और हाई कोर्ट के आदेशों का पालन करने में गंभीर लापरवाही की है। ऐसा लगता है कि जैसे यह सब उनकी आदत में शामिल है। आठ पेज के फैसले में कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि अर्थदंड की राशि राज्य सरकार वहन नहीं करेगी। यह राशि एसडीएम लोवंशी को अपनी जेब से भरनी पड़ेगी।
उच्च न्यायालय ने यह भी कहा कि इस आदेश को प्रसारित किया जाए ताकि कोर्ट के आदेशों की अपने हिसाब से व्याख्या करने की प्रवृत्ति पर रोक लगाई जा सके।
यह था मामला
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सरफेसी एक्ट (वित्तीय संपत्तियों का प्रतिभूतिकरण, पुनर्निर्माण और सुरक्षा हित प्रवर्तन अधिनियम, 2002) को लेकर एक याचिका हाई कोर्ट की युगल पीठ के समक्ष दायर हुई थी। याचिकाकर्ता कंपनी ने याचिका में एसडीएम सपना लोवंशी द्वारा 28 जून 2023 को जारी एक आदेश को चुनौती दी थी।
याचिकाकर्ता का कहना था कि वह ग्राहकों को ऋण उपलब्ध कराने का काम करते हैं। उन्होंने होटल सवेरा के प्रोप्राइटर अमन डावर को 97 लाख 78740 रुपये का ऋण दिया था, लेकिन ऋण की वापसी नहीं हुई। इस पर कंपनी ने सरफेसी एक्ट के तहत कार्रवाई की।
इस एक्ट के तहत उन्होंने एसडीएम कोर्ट के समक्ष आवेदन प्रस्तुत किया था ताकि उन्हें होटल का कब्जा प्राप्त हो जाए। एसडीएम ने आवेदन पर कार्रवाई करने के बजाय प्रतिवादियों को जवाब दाखिल करने की अनुमति देकर और कब्जा लेने के लिए प्रस्तुत आवेदन खारिज करके धारा 14 के दायरे को तोड़ा है। हाई कोर्ट की युगलपीठ ने याचिका स्वीकारते हुए यह माना कि एसडीएम ने पूर्व में दिए आदेशों का पालन करने के बजाय आदेशों की अपने हिसाब से व्याख्या की।