दरोगा एवं क्लर्क को बना दिया सहायक आयुक्त। कार्यालय अधीक्षक यादव पहुंचे निगम आयुक्त के खिलाफ न्यायालय
दैनिक अवंतिका(इंदौर) नगर निगम में योग्यता के आधार पर कई अधिकारी- कर्मचारी काम करने से वंचित है। एक अधीक्षक हाईकोर्ट आदेश के बाद भी सहायक आयुक्त के पद से वंचित है वहीं निगम आयुक्त 1 हर्षिका सिंह ने आदेश क्रमांक 610 जारी कर मध्य प्रदेश नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 69( 4 ) का उपयोग करते हुए वीरेंद्र उपाध्याय (मूल पद दरोगा), गोविंद कौशल ( मूल पद क्लर्क) एवं अश्विनी जनवदे, सहायक यंत्री, को प्रभारी सहायक आयुक्त का प्रभार दिया है। कौशल को स्थापना शाखा के महत्वपूर्ण विभाग का प्रभार दिया गया है।उक्त तीनों कर्मचारियों से कई कर्मचारी सीनियर है। उन्हें इनके अधीनस्थ काम करना होगा उल्लेखनीय है कि राजेंद्र कुमार यादव कार्यालय अधीक्षक, जिन्हें गत 1 फरवरी 2023 को सहायक आयुक्त के पद पर पदोन्नति देने के आदेश मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने दिए हैं, किंतु गत 9 माह पश्चात भी यादव को सहायक आयुक्त के पद पर पदोन्नति नहीं दी गई है।जिस कारण यादव ने निगम आयुक्त श्रीमती हर्षिका सिंह के खिलाफ उच्च न्यायालय में न्यायालय की अवमानना का प्रकरण प्रस्तुत किया है। यादव लंबे समय से अपने आदेश के लिए न्यायालयीन लड़ाई लड़ रहे है, मगर निगम प्रशासन कोई सुनवाई नहीं कर रहा है।निगम में कई झोन कार्यालय और मुख्यालय में इसी तरह से नियमों के विपरीत अधिकारी-कर्मचारी कई पदों पर काम कर रहे है। पिछले कुछ वर्षों से सेवा निवृत्ति के बाद भी अधिकारी कर्मचारी संविदा पर निगम में सेवाएं देने का चलन बढ़ा है।