केडीगेट मार्ग चौड़ीकरण कर दिया…अब रहवासी समस्याओं से परेशान
उज्जैन।केडी गेट मार्ग का रातोंरात जेसीबी चलाकर चौड़ीकरण तो कर दिया गया लेकिन अब यहां के रहवासी समस्याओं से परेशान है। किसी के घर की पाइप लाइन फूटी है तो नलों में पानी नहीं आ रहा तो कोई घर का रास्ता ही बंद होने से परेशान है। ऐसी तमाम अव्यवस्थाएं है जिनसे लोगों का आम जन-जीवन प्रभावित हो रहा है।
नगर निगम सहित विभिन्न सरकारी विभागों के अफसर मार्ग का निरीक्षण करने आते हैं। निर्देश देते हैं और चले जाते हैं। लेकिन हकीकत तो यह है कि महीनों से बहुत धीमी गति से काम चल रहा है। चौड़ीकरण होने के बाद कई दिनों तक लोग धुल के गुबारों में ही रहे। फिर कीचड़ का सामना किया। इसके बाद भी समस्या कम होने का नाम नहीं ले रही। चौड़ीकरण के दौरान कई घरों की पाइप लाइनें टूट गई थी जो आज तक जोड़ी नहीं जा सकी। इसके चलते लोगों के घरों के नल ही बंद हो गए और पीने की पानी की समस्या खड़ी हो गई। कई घरों की बिजली लाइन कट गई थी। जैसे तैसे उन्हें जुड़वाया गया। मार्ग की सड़क, नाली अभी नहीं बनी है। घरों के आगे के रास्ते बंद है। लोग तरह-तरह के विकल्प कर अंदर-बाहर जा रहे हैं। ऐसे में आने-जाने में खतरा भी बना रहता है। लोगों का कहना है कि नगर निगम के अफसर आते हैं और निरीक्षण कर लौट जाते हैं। जमीनी काम कुछ नहीं हो रहे है।
लोगों ने गैलरे बना ली, अब निगम तोड़ने की तैयारी में
चौड़ीकरण होने के बाद लोगों के मकान तोड़ दिए गए। फिर घरों पर लाल निशान लगा दिए गए थे। इसके बाद क्षेत्र के रहवासियों ने उस हिसाब से अपनी मकानों के बाहर की गैलरी बना ली थी लेकिन अब निगम इसे वापस तोड़ने की तैयारी में है। रहवासी इसका विरोध कर रहे हैं। अब अफसर लोगों को मनाने में लगे है। क्योंकि इसमें बड़ी गलती नगर निगम की ही है। क्योंकि निगम को सड़क पर पोल लगाने की जगह नहीं मिल रही है। इसलिए गेहरी हटाने की बात की जा रही है। लोगों का कहना है कि जब पोल लगाने थे तो मकानों पर निशान उस हिसाब से जगह छोड़कर लगाने थे। अब निगम के अफसर गेलरी को हटाने के लिए रहवासियों पर दबाव बना रहे हैं।
आयुक्त पहुंचे तो लोगों ने बताए..अधूरे काम, बोले-जल्द पूरा करेंगे
समस्याएं जब गंभीर हुई तो दो दिन पहले निगम आयुक्त रोशन कुमार सिंह खुद टीम के साथ मार्ग पर निरीक्षण करने पहुंचे तो लोगों ने पाइप लाइनें फूटने जैसी समस्याएं बताई। उन्होंने निर्देश दिए कि पाइप लाइन लीकेज तुरंत जोड़े जाएं। इसके ऊपर सड़क निर्माण ना करें। नालियों का निर्माण भी तेजी से किया जाए ताकि लोगों के घरों तक जाने का रास्ता स्थाई रूप से बनाया जा सके।