महाकाल के बाहर पुराने अन्नक्षेत्र की दीवारें तोड़ी तो दिखने लगा अंदर छिपा महादेव मंदिर
उज्जैन। महाकाल मंदिर के बाहर बड़े गणेश के पास रुद्रसागर पर बना पुराने अन्नक्षेत्र की दीवारें तोड़ी गई तो यहां स्थित पुराना महादेव मंदिर दिखने लग गया। सालों से यह मंदिर अन्नक्षेत्र के अंदर ही छिपा हुआ था।
सन् 1992 के सिंहस्थ में स्वामी विश्वात्मानंद सरस्वती महाराज ने बनाया इसे…अब इसके आसपास मंदिर समिति के बड़े निर्माण कार्य किए जाएंगे इसलिए तोड़फोड़…
इस मंदिर का निर्माण वर्तमान में अटल अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी विश्वात्मानंद सरस्वती महाराज ने कराया था। चूंकि यहां अन्नक्षेत्र चलता था और हजारों श्रद्धालु प्रतिदिन भोजन प्रसादी ग्रहण करते थे तो स्वामी जी ने इस मंदिर का नाम श्री अन्नपूर्णेश्वर महादेव रख दिया था। स्वामी जी खुद इस निशुल्क अन्नक्षेत्र का संचालन करते थे। इस अन्नक्षेत्र से शुरू से जुड़े रहे समाजसेवी अजीत मंगलम ने बताया कि इस मंदिर की स्थापना सिंहस्थ 1992 में की गई थी। इसके बाद 2016 के सिंहस्थ से पहले इसका जीर्णोद्धार भी हुआ। सालों तक यहां महाराजश्री के सानिध्य में ही अन्नक्षेत्र संचालित होता रहा। कुछ वर्ष पहले ही महाकाल मंदिर समिति ने स्वामी जी से निवेदन कर इस अन्नक्षेत्र के संचालन को अपने हाथों में लिया था। इसके बाद से समिति ही यहां अन्नक्षेत्र चला रही थी। लेकिन हाल ही में मंदिर के विस्तारीकरण योजना के दूसरे चरण में किए जाने वाले कार्यों के चलते इसे खाली कर दिया गया था। इसके बाद यहां नए निर्माण कार्यों के लिए तोड़फोड़ शुरू की गई। अन्नक्षेत्र की जब दीवाारें तोड़ दी गई तो चारों से यहां खुला हो गया। इससे अंदर बना हुआ अन्नपूर्णेंश्वर महादेव का मंदिर सब को दिखने लग गया।
मंदिर दिखने लगा तो लोग दर्शन
करने आने लगे, पहले अंदर था।