अब नया कनेक्शन लेने पर मिलेगा 10 किलो वाला फायबर गैस सिलेंडर
दैनिक अवंतिका(इंदौर) अब नया गैस कनेक्शन लेने वाले उपभोक्ताओं को 14.2 किलो वाले लोहे के सिलेंडर की बजाए 10 किलो वाले फायबर गैस सिलेंडर दिए जा रहे हैं। इसी प्रकार, दूसरा सिलेंडर लेने वाले उपभोक्ताओं को भी यही सिलेंडर दिए जा रहे हैं।सूत्रों के मुताबिक, आयल कंपनियों द्वारा पूर्व में दिए जा रहे लोहे के घरेलू एलपीजी गैस सिलेंडर की जगह अब कंपोजिट मटेरियल (फायबर) के सिलेंडर चलन में लाने के लिए सभी गैस एजेंसियों को आदेश दिए गए हैं।दरअसल, आयल कंपनी द्वारा लगभग सालभर पहले कंपोजिट मटेरियल के इन सिलेंडरों को लॉट किया गया था, लेकिन इन्हें अच्छा रिस्पांस नहीं मिला अब आयल कंपनियों ने इसे चलन में लाने के लिए तमाम गैस एजेंसियों को यह फरमान जारी कर दिया है कि नए गैस कनेक्शन लेने वाले उपभोक्ता को अब 14.2 किलो के लोहे के गैस सिलेंडर की बजाए 10 किलो वाला फायबर गैस सिलेंडर दिया जाए। इसी प्रकार, यदि कोई उपभोक्ता दूसरा गैस गैस सिलेंडर लेता है तो उसे भी फायबर का ही गैस सिलेंडर उपलब्ध कराया जाए। लोहे के सिलेंडर की तुलना में फायबर का पड़ रहा मंहगा देखा जाए तो लोहे के सिलेंडर की तुलना में उपभोक्ताओं को थमाए जा रहे फायबर के यह गैस सिलेंडर काफी मंहगे पड़ रहे हैं। वजह यह कि कई वर्षों से चलन में रहे लोहे के गैस सिलेंडर के लिए कंपनी उपभोक्ताओं से 2200 रुपए जमा कराती रही है, जबकि नया कंपोजिट मटेरियल सिलेंडर 10 किलो झमता का है और खाली सिलेंडर की कीमत भी 3000 रुपए वसूली जा रही है।हालांकि, गैस की कीमत प्रति किलो के हिसाब से ही ली जा रही है। अभी खा रहे हैं गोदामों में धूल लगभग साल भर पहले आयल कंपनियों द्वारा कंपोजिट मटेरियल (फायबर) के गैस सिलेंडर लांच किए जाने के बाद उपभोक्ताओं व्यारा कोई रुचि नहीं दिखाने और गैस एजेंसियों द्वारा भी इस संबंध में कोई विशेष पहल नहीं किए जाने के कारण यह गैस सिलेंडर हाल-फिलहाल गैस एजेंसियों के गोदामों में पड़े भूल खा रहे हैं। अब आयल कंपनियों के नए फरमान के बाद यह उम्मीद की जा रही है कि लगातार प्रयासों के चलते यह सिलेंडर भी जल्द ही चलन में आ जाएंगे। अब यह देखना अवश्य ही दिलचस्प होगा, कि आयल कंपनियों और गैस एजेंसियां अपने प्रयासों में कहाँ तक सफल होती हैं?