स्वास्थ्य विभाग के अस्पताल में नहीं है ।सुरक्षा के इंतजाम स्वास्थ्य विभाग के अस्पताल में नहीं है सुरक्षा के इंतजाम
दैनिक अवंतिका(इंदौर) अस्पतालों में फायर सेफ्टी की जिम्मेदार स्वास्थ्य विभाग के खुद के अस्पताल फायर एनओसी नहीं है । यह स्थिति शहर के दूसरा स्थान पर आने वाले गायनिक अस्पताल पीसी सेठी की है। अस्पताल में ही यदि कोई घटना हो जाती है तो आग लगने पर बाहर निकलने का रास्ता तक नहीं है ।यही कारण है कि 2018 में बनकर तैयार हुआ तीन मंजिला पीसी सेठी अस्पताल 6 साल बाद भी फायर एनओसी का इंतजार कर रहा है। अस्पताल के पास इसकी अस्थायी एनओसी है। अब स्थायी एनओसी लेना है, लेकिन उसके लिए तय शर्तों के मुताबिक व्यवस्थाएं होना चाहिए। अस्पताल प्रशासन को स्थायी एनओसी इसलिए नहीं मिल पा रही है, क्योंकि अलग से कोई फायर एग्जिट गेट नहीं है। ओपीडी में आते हैं 200 मरीज डिलीवरी पॉइंट होने दिनभर महिलाओं का जमावड़ा रहता है। वहीं ओपीडी में 200 मरीज प्रतिदिन उपचार लिए आते हैं। इसके बाद भी फायर फाइटिंग की व्यवस्था उचित नहीं होना और फायर एनओसी नहीं होना गंभीर लापरवाही की ओर इशारा करता है। अतिक्रमण के चलते अटका काम -फायर सेफ्टी के नियमों के तहत किसी भी अस्पताल के चारों ओर इतनी जगह होना चाहिए कि फायर ब्रिगेड की गाड़ी का आसानी से निकल सके, लेकिन अस्पताल के पीछे अतिक्रमण होने के कारण जगह ही नहीं है। साथ ही अस्पताल में एग्जिट गेट नहीं बन पाया है। शीघ्र मिलेगी स्थायी एनओसी अभी अस्पताल में अस्थायी फायर एनओसी है। स्थायी एनओसी के लिए प्रयास कर रहे हैं। शीघ्र ही स्थायी एनओसी भी मिल जाएगी।- डॉ. वीरेंद्र राजगीर, प्रभारी, पीसी सेठी अस्पताल