उज्जैन में पीएफआई ने एनजीओं को मोहरा बना मकडजाल का रचा षडयंत्र,
एक साल पहले हुई बैठक में सेवा का संदेश दिया और अब एनजीओं बनवाकर मतलब साध रहे


उज्जैन। उज्जैन में पापूलर फ्रंट आफ इंडिया ने प्रतिबंध के बावजूद एनजीओ को मोहरा बनाकर मकडजाल का षडयंत्र रच लिया है। इस षडयंत्र को तोडना अभी तो मुश्किल ही नजर आ रहा है।एक साल पहले हुई बैठक में सेवा का संदेश देते हुए लोगों को एनजीओ बनाने के लिए उकसाया गया था। अब उन एनजीओ के माध्यम से सेवा के बदले मेवा का टुकडा डाल कर एनजीओं से अपना मतलब साधा जा रहा है।नए बने कुछ एनजीओं प्रतिबंधित संगठन पापूलर फ्रंट आफ इंडिया के हाथों की कठपूतली बन रहे है।

विश्वसनीय सूत्रों ने बताया कि एक साल पहले इंदौर रोड की एक होटल में एक बैठक का आयोजन किया गया था। इसके आयोजन में सीएए और एनआरसी के विरोधियों को समर्थन करने वाले शामिल थे। इस बैठक में सभी संप्रदाय के ऐसे लोगों को शामिल किया गया था जिनके लिए पैसा महत्व रखता है। इस बैठक में सामने तो अशासकीय संगठन के माध्यम से सेवा करने की बात कही गई थी और अशासकीय संगठन बनाने के लिए प्रोत्साहित करते हुए कहा गया था कि इसके लाभ भविष्य में सामने आएंगे। एक साल के अंदर ही विभिन्न नामों से सोसायटी ,समिति ,फाउंडेशन के नाम से संस्थाएं पंजीबद्ध हुई और इन संस्थाओं में बगैर किसी काम के भी षडयंत्र के तहत मोहरे के रूप में दान आना शुरू हो गया है। इन संस्थाओं के संचालकों को पूर्व नियोजित तरीके से मात्र कुछ हजार रूपए दे शेष पूरी राशि नकदी में पीएफआई के सीजर ले रहे हैं। इस तरीके से नए एनजीओं को मोहरा बनाकर पीएफआई ने अपना मकडजाल का षडयंत्र अंजाम दे दिया है। सूत्र यह भी जानकारी दे रहे हैं कि इन एनजीओं के खाते का उपयोग ब्लेक मैलिंग और एक्सटार्सन की राशि को भी जमा करवाने के लिए भी किया जा रहा है।खुफिया विभाग इनके धरातल को अभी जांच ही रहा है और पीएफआई ने अपने काम को अंजाम देने का तरीका समग्र समाज के माध्यम से शुरू कर दिया है। खास तो यह है कि नए बने एनजीओं में पीएफआई की मंशानुसार अन्य समग्र समाज के लोग शामिल हैं ओर इनके कर्ताधर्ता कुछ एक ही हैं। इनमें भी कुछ शातिरों ने अपने आप को एनजीओं के संचालनकर्ताओं से परे रखा है और मूल कर्ताधर्ता भी वे ही हैं। ऐसे एनजीओं में पीएफआई को अपने मकडजाल के षडयंत्र के तहत मोहरा बना रही है।
कुछ हजार के लिए पूरा खेल-
सूत्र ने जानकारी देते हुए बताया कि नए बने एक एनजीओं में मात्र कुछ हजार के लिए लाखों का लेनदेन किया गया है। एनजीओं के खाते में यह पैसा दान के नाम पर सीजर ने पूर्व चर्चा के आधार डलवाया था और कहा था कि उसमें से कुछ राशि ही आपकी होगी। आपने अन्य संस्थाओं की मदद के लिए यह राशि निकाल कर दी तो आगे भी आपके खाते में इसी प्रकार राशि आती रहेगी। सूत्र के अनुसार करीब 5 लाख की राशि पर 35 हजार रूपए में ही ब्लेक का व्हाईट कर राशि दे दी गई है। ऐसे ही एक एनजीओं जिसमें नाम किसी और के हैं ओर काम कोई और बता रहा है ने इस काम को अंजाम दिया है। खास तो यह है कि निजी होटल की बैठक में ये भी शामिल रहे थे।
बैठक में बूना था सेवा का मकडजाल-
करीब एक साल पहले एक बैठक इंदौर रोड़ स्थित एक होटल में आयोजित की गई थी। इस बैठक को करने वाले वे लोग थे जिन्होंने उज्जैन में सीएए और एनआरसी के विरोध प्रदर्शन को महीनों तक मदद की और उसका समर्थन किया था। इन्ही लोंगों ने इस बैठक का आयोजन किया था। बैठक को संबोधित करने के लिए बाहर से लोग आए थे। जब सार्वजनिक रूप से बैठक में समाजसेवा के काम बताए जा रहे थे उसी दौरान पर्दे के पीछे होटल के एक कमरे में कुछ विशेष लोगों की गुप्त मंत्रणा हुई होने की जानकारी भी सूत्र दे रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि मकडजाल का यह रचा गया यह षडयंत्र काफी गहरा है सेवा के नाम पर एनजीओं को दान बाहर से करवा कर पूर्व से ही उसकी सौदेबाजी कर ली जाती है। कुछ हजार रूपए की सेवा में ही ऐसे एनजीओं अपनी संस्था,सोसायटी,समिति,फाउंडेशन का उपयोग कर ब्लेक मनी को व्हाईट कर रहे हैं।कुछ एनजीओं प्रतिबंधित संगठन पापूलर फ्रंट आफ इंडिया के हाथों की कठपूतली बन रहे है।