कई सड़कों पर जवाहर मार्ग से जुड़ी कई खुदाई, सुबह से रात तक लोग परेशान। राजबाड़ा के आसपास पुलिस का यातायात प्लान फेल, ताई ने निगम अधिकारियों की खिंचाई की
दैनिक अवंतिका(इंदौर) शहर में नगर निगम अधिकारियों की लापरवाही का खामियाजा दीपावली जैसे त्यौहार पर भी भुगतना पड़ रहा है। राजवाड़ा सहित कई क्षेत्रों में सड़क, सीवरेज, ड्रेनेज, पानी की लाइन के लिए खुदाई की गई है जिससे लोग न तो सड़क पर ठीक से चल पा रहे हैं न ही बाजारों में खरीदारी कर पा रहे हैं।जवाहर मार्ग, हरसिद्धि, इमली बाजार, गोपाल मंदिर, यशवतं रोड व अन्य क्षेत्रों में कई दिनों से भारी भीड़ उमड़ रही है। यहां यातायात संभालने के लिए गिनती के पुलिस अधिकारी जवान ही मौजूद होते हैं। पार्किंग के लिए भी सभी जगह लोगों को परेशान होना पड़ा। पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ताई ने भी भड़कते हुए निगम अधिकारियो की खिंचाई की औरे कहा कि त्यौहार पर तो रहम खाते जिससे लोग परेशान न होते। यूं तो शहर में पूरे साल सड़क निर्माण और अन्य निर्माणों के चलते त्रस्त रहते है। मगर, त्योहार पर भी अधिकारी ध्यान नहीं देते है और अब ताई ने भी नाराजगी जताते हुए अधिकारियों की खिंचाई की है। ताई की नाराजगी की खासकर दो वजह रही है। पहली उनके क्षेत्र मनीषपुरी में बार- बार सड़क खुद रही है और रिंग रोड तक जोड़ने वाली सड़क का काम अटका हुआ है। वहीं राजवाड़ा क्षेत्र की अहम सड़क यशवंत निवास हैं। (वायएन) रोड को खोदा गया है, यह शहर के बीच की सबसे अहम सड़क है। ताई का कहना है कि त्योहार के बीच जब पूरा शहर इस यशवंत निवास रोड से गुजरता है तो फिर त्योहार के पहले इसे खोदने की जरूरत क्या थी? या तो ऐसी प्लानिंग करते कि त्योहार के पहले काम पूरा हो जाए और यदि ऐसा नहीं कर सकते थे तो फिर काम शुरू नहीं करना था। इस समय पूरी धूल उड़ रही हैं, लोग परेशान हो रहे एक बार में काम नहीं करते। अधिकारी- ताई बोली कि आजकल समझ नहीं आता नगर निगम में जो अधिकारी है इंदौर को देखकर कुछ नहीं करते हैं क्या? काम करना है कर लो ढंग से साकेत नगर की सड़क बनी भी नहीं कि फिर दोबारा खोद दिया। कमिश्नर को फोन किया, अब दोबारा क्या हो रहा है? लाइन डालना है तो एक बार खोदो, बार-बार सड़क खोदोगे क्या? बाहर से आए अधिकारी इंदौर को समझो तो सही ताई ने कहा कि यदि अधिकारी इंदौर के है तो फिर अपने शहर के साथ नाइंसाफी क्यों कर रहे हैं? बाहर से भी आए हैं तो पहले इंदौर को तो समझें, लोगों से बात करें फिर योजना बनाएं और काम करें। जनप्रतिनिधियों की सुने, उन्हें साथ लें। अधिकारी समन्वय बनाएं, योजना बनाएं और फिर सभी को साथ लेकर काम करें।