हुकुमचंद के मजदूरों का न्याय एक कदम और बढ़ा। 28 तक करे भुगतान वरना जमीन निलाम होगी 218 करोड को लेकर मजदूर लड़ रहे है लडाई

दैनिक अवंतिका(इंदौर) हुकुमचंद मिल के मजदूरों की लंबी लडाई को अब न्याय मिलता दिख रहा है। उच्च न्यायालय ने सरकार को स्पष्ट कर दिया है कि 28 नवम्बर तक सरकार और हाउसिंग बोर्ड मजदूरों का भुगतान करे। यदि भुगतान नही किया गया तो मिल का जमीन का हाउसिंग बोर्ड और नगर निगम से हुआ समझौता समाप्त माना जावेगा। कोर्ट इसके बाद नीलामी की प्रक्रिया भी प्रारंभ कर सकती है । हुकुमचंद मिल के मजदूरों को 218 करोड का भुगतान किया जाना है।उच्च न्यायालय ने आदेश जारी किया है कि 28 नवम्बर तक सरकार और हाउसिंग बोर्ड ने भुगतान नहीं किया तो इस समझौते को समाप्त करते हुए मिल की जमीन नीलाम कर दी जावेगी। कोर्ट ने सुनवाई पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। कोर्ट ने अहम आदेश जारी करते हुए कहा कि यह सही है कि आचार संहिता के चलते चुनाव आयोग की अनुमति जरूरी है, किन्तु मजदूरों की परेशानियों को नजर अंदाज नहीं किया जा सकता है। इसके पूर्व सुनवाई में शासन की ओर से शपथ पत्र भी पेश किया गया था, जिसमें आचार संहिता को मजदूरों के भुगतान में आडे आने का बताया गया था। अब इसके बाद हाउसिंग बोर्ड की बैठक में इस पर निर्णय पारित होना है।