50 वर्षों से रह रहे महाकाल क्षेत्र के लोग बोले ये तो हठ धर्मिता है
– मकान, दुकान तोड़ने के मामले अब तक नोटिस तक नहीं दिए, लोग परेशान
ब्रह्मास्त्र उज्जैन। महांकाल मंदिर के सामने जिन 11 मकानों को अधिग्रहण कर तोड़ा जा रहा है उनमे लगभग 50 वर्षों से स्थापित लोगों को विश्वाश में लिए बिना या उनसे आज दिनांक तक किसी प्रकार की चर्चा करे इतनी बड़ी कार्रवाई की जा रही है।
क्षेत्र में दुकान संचालक अनिल गंगवाल ने बताया पूर्व में इस विषय पर चर्चा करने हेतु लोगों ने समय चाहा था पर किसी ने नहीं सुनी। जनसुनवाई में भी अपनी बात सबने रखी। इसके बाद योजना प्रस्तुत करते समय उचित विस्थापन कर ही शासन ने अपनी ओर से प्रस्ताव रखा था। बावजूद इसके एक तरफा अधिग्रहण करने का प्रयास किया जा रहा है। लेकिन यह किसी भी दृष्टि से उचित नही है। वर्षों से रोजगार कर रहे लोगो को इस तरह अचानक बिना विश्वाश में लिए बिना विस्थापन की योजना प्रस्तुत किये हटाने का मुह जबानी संदेश देकर करवाई करना गलत है।
पूर्व में सड़क पर बैठने वाले हारफुल वालो के साथ भी सहानुभूति पूर्वक निर्णय कर दो दो बार दुकाने बना कर दी गई तथा अभी वर्तमान में पुनः उन्हें तीसरी बार दुकानें बना कर देने का निर्णय हुवा है। मुस्लिम बस्ती जिसे अतिक्रमण मानकर हटाया उन्हें भी तीन तीन लाख रुपये का मुवावजा प्रदान किया है। फिर दुकानदारों के प्रति यह सहानुभूति का रवैय्या क्यो नही अपनाया जा रहा है।