सेक्स रैकेट के प्रदेश में 500 एजेंट, दो महिला सहित इंदौर से पकड़ाए 4 दलाल
ब्रह्मास्त्र इंदौर। इंटरनेशनल सेक्स रैकेट के सरगना मोमिनुल रशीद उर्फ विजय दत्त की गिरफ्तारी के बाद ही एक के बाद एक राज खुलते चले गए। मध्यप्रदेश में ही इस सेक्स रैकेट के करीबन 500 एजेंट हैं। इनमें से इंदौर के चार एजेंट गिरफ्तार कर लिए गए हैं। इन मुख्य एजेंटों में दो महिलाएं भी गिरफ्तार हुई हैं। एजेंटों के नाम उज्जवल ठाकुर, दिलीप बाबा, नेहा और रजनी वर्मा इंदौर में इस नेटवर्क को चला रहे थे।
मोमिनुल पिछले 25 साल से भारत में नाम बदलकर रह रहा था। उसने राशनकार्ड से लेकर पासपोर्ट तक बनवा लिए थे। उसकी पत्नी बांग्लादेश से एनजीओ के जरिए गरीब लड़कियों को नौकरी का झांसा देकर भारत भेजती थी। यहां मोमिनुल उन्हें देह व्यापार के धंधे में धकेल देता था। पुलिस का मानना है कि मध्यप्रदेश में उसके करीब 500 एजेंट हैं। मोमिनुल ने पुलिस को बताया कि 1994 में वह बांग्लादेश से भारत में पश्चिम बंगाल के कृष्णा घाट नदी पर आया था। यहां मजदूरी करने लगा। इसके बाद वह मुंबई चला गया। वहां होटल में काम करने लगा। वहीं उसने एक युवती से शादी कर ली। वह बांग्लादेश भी जाता रहता था। वहां भी उसने ज्योत्सना नाम की युवती से शादी की है। बांग्लादेश में वह एनजीओ चलाती है। यह एनजीओ महिला कल्याण के लिए काम करती है। इसी के जरिए वह बेसहारा और गरीब लड़कियों को घरेलू काम करने के बहाने भारत बुलाता था।अवैध तरीके से भारत का बॉर्डर पार कराता था। इसके बाद भारत में इन लड़कियों को वह देह व्यापार के दलदल में धकेल देता था। फिर, लड़कियों के परिजन को हर महीने 5 से 6 हजार भेज देता था, जिससे उन्हें शक नहीं होता था। लड़कियों को पहले कोलकाता फिर मुंबई लाया जाता था। यहां से देश के अलग-अलग क्षेत्रों में भेजा जाता था।
इंदौर -उज्जैन सहित कई शहरों में नेटवर्क
पुलिस के मुताबिक, मोमिनुल पिछले 10 साल में कई बांग्लादेशी लड़कियों को देह व्यापार के धंधे में धकेल चुका है। मध्यप्रदेश के अलावा देश के विभिन्न राज्यों में एजेंट बना रखे हैं। मध्यप्रदेश के इंदौर, उज्जैन, भोपाल, जबलपुर, खंडवा, राजगढ, पीथमपुर आदि शहरों में नेटवर्क फैला है। इंदौर में इसके मुख्य एजेंट उज्जवल ठाकुर, प्रमोद, दिलीप बाबा, ज्योति, पलक आदि हैं। निमाड़ क्षेत्र में प्रमोद पाटीदार प्रमुख एजेंट है। देश के दूसरे हिस्से मुंबई, पुणे, पालघर, सूरत, अहमदाबाद, चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद, जयपुर, उदयपुर आदि बड़े शहरों में भी उसने एजेंटों के जरिए लड़कियां सप्लाई की हैं।
हर दिन 6 से 7 ग्राहक से संबंध बनाने का दबाव
तस्करी कर लाई गई लड़कियों को दिन में 6 से 7 ग्राहकों से संबंध बनाने के लिए दबाव डाला जाता था। इनकी क्षमता बढ़ाने के लिए ड्रग्स की लत लगाई जाती है। मना करने पर मारा-पीटा जाता है। ये लड़कियां पुलिस के पास शिकायत लेकर नहीं आतीं, क्योंकि एजेंट उन्हें डरा देते थे। कहते थे कि तुम यदि पुलिस के पास गईं, तो जेल भेज दिया जाएगा। तुम्हारे पास वैध दस्तावेज नहीं हैं। लड़कियों ने बताया कि हमें बमुश्किल 500-600 रुपए मिलते थे, बाकी पैसा दलाल रख लेते है। भारत में बांग्लादेश की सीमा से अवैध रूप से देह व्यापार करने वाले गिरोह के 41 आरोपियों को अब तक जेल भेजा जा चुका है।