अखिल भारतीय श्वेतांबर जैन महिला संघ ने जरूरतमंदों को शादी के परिधान बांट चेहरे पर फैलाई खुशियां
इंदौर । चेहरे पर खुशी… और दुआओं के लिए उठते हाथ… ये नजारा आज उस वक्त देखने को मिला, जब अखिल भारतीय श्वेतांबर जैन महिला संघ की केंद्रीय इकाई ने शादी परिधान बैंक से जरूरतमंदों को शादी के परिधान भेंट किए। महिला संघ ने इस पहल की शुरुआत 2 महीने पहले की थी, जिसमें उन्होंने शादी के महंगे परिधानों को इकट्ठा किया, जो एक बार पहनने के बाद कभी इस्तेमाल नहीं किए जाते। शनिवार को कई जरूरतमंद परिवार ये परिधान लेने के लिए पहुंचे। महिला संघ को इस पहल के लिए 55 फॉर्म मिले थे।
महिला संघ ने इस पहल के बाद परिधान देने के लिए हर समाज के लोगों को आमंत्रित किया था। शनिवार को हर समाज के ऐसे ही कुछ जरूरतमंद परिवार यहां पहुंचे और अपनी पसंद के लहंगे, साड़ी, सूट, टाई, शेरवानी, कुर्ते, ड्रेस, पर्स, जूलरी, चूड़ियां और अन्य सामान को लिया। महिला संघ की अध्यक्ष शकुंतला पावेचा और संस्थापक अध्यक्ष रेखा वीरेंद्र कुमार जैन ने बताया कि इस विचार के बाद आगे की जिम्मेदारी “पहल” महिलासंघ की शिखा नागौरी और सपना जैन ने संयोजक के रूप में निभाई है, जिसे हमने ‘एक नेक प्रयास : मुस्कुराने की वजह तुम हो…’ नाम दिया। उन्होंने सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से लोगों से संपर्क किया, जो इस तरह के परिधान जरूरतमंदों के लिए देना चाहते थे। कुछ ही समय में लाखों रुपये के सूट, शेरवानी, लहंगा-चुनरी, साड़ियां इकट्ठा हो गई, जिसे महिला संघ ने सही करवाकर प्रेस करवाया और देने के लिए तैयार किया। उनके अनुसार, समाज में नई सोच के साथ नई पहल की जा रही है।
शनिवार को शादी परिधान के वितरण में बेटियों और बेटों को आशीर्वाद देने के लिए सांसद माननीय शंकर जी लालवानी भी पहुंचे। उन्होंने कहा कि समाज की महिलाओं की इस पहल का मैं स्वागत करता हूं। संघ का ये प्रयास वाकई में काबिले तारीफ है। महिला संघ हमेशा ऐसे काम करता है, जो पूरे देश के लिए प्रेरणा बनता है। उन्होंने आगे ये भी कहा कि जिन्होंने भी इस नेक काम के लिए अपने ये परिधान दिए है, उन्हें तो दुआएं मिलेंगी ही। मैं भी उन्हें इस नेक काम में हाथ बंटाने के लिए धन्यवाद देता हूं। इस मौके पर उद्योगपति और समाजसेवी जयसिंह जी जैन, वीरेंद्र कुमार जी जैन, राजीव जी भांडावत, सुरेश जी सकलेचा, गोपीलाल जी समोता, अशोक जी जैन सहित समाज के अन्य वरिष्ठ भी मौजूद रहे और शादी परिधान लेने आए बेटे और बेटियों को आशीर्वाद दिया।