उज्जैन का कार्तिक मेला लगेगा..चुनाव आयोग से मिली अनुमति…
उज्जैन। उज्जैन का प्रसिद्ध कार्तिक मेला इस बार भी लगेगा। चुनाव आयोग ने मेला लगाने की अनुमति प्रदान कर दी है। शिप्रा किनारे लगने वाले इस पारंपरिक मेले का उज्जैन नहीं बल्कि आसपास के ग्रामीण अंचलों के लोगों को भी बेसब्री से इंतजार रहता है। इस बार आचार संहिता के चलते मेले को लेकर शुरू से असमंजस बना हुआ था। इसलिए प्रशासन ने भी मेला लगाने के लिए अब तक कोई तैयारी नहीं की थी। लेकिन अब जब चुनाव आयोग से इसके लिए हरि झंडी मिल गई है तो ताबड़तोड़ नगर निगम प्रशासन मेला लगाने की तैयारी में जुट गया है। कार्तिक शुक्ल की पूर्णिमा से मेला शुरू होता है। लेकिन इस बार पूरा मेला लगने में कुछ समय लग सकता है। अधिकारियों की माने तो दिसंबर के पहले सप्ताह से मेला शुरू होगा। क्योंकि इसके लिए निगम प्रशासन को कई तरह की व्यवस्था के लिए टेंडर करने होते हैं।
इस बार नेता नहीं अफसरों…की समितियां करेगी मेला….
इस बार जनप्रतिनिधियों की बजाए अफसरों की समिति मेला का आयोजन करेगी। इसके लिए समितियों का गठन भी किया जा रहा है। कार्तिक मेला पूरा एक माह लगता है। इसमें दुकानों के आवंटन से लेकर बिजली, पानी, झूलों के लिए जमीन आवंटन, खान पान की दुकानों का आवंटन करना पड़ता है।
इस बार 559 दुकानें…37 तरह के झूले लगेंगे….
शिप्रा तट पर आयोजित होने वाले कार्तिक मेले में पांच हेक्टेयर क्षेत्र में करीब 559 विभिन्न तरह की दुकानें लगेगी तो 22 बड़े व 15 छोटे प्रकार के झूले लगेंगे। इसके अलावा मंच, प्रदर्शनी भी लगेगी।
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