रात्रि दीपदान के बाद सुबह नहीं उठा निगम… नहीं हुई शिप्रा नदी एवं घाटों की सफाई…निर्माल्य सामग्री मिली नदी में..पसरी गंदगी..भक्त कर रहे स्नान
उज्जैन। सोमवार को शहर में कार्तिक पूर्णिमा का पर्व बड़ी भक्ति भाव के साथ मनाया गया शहर को जीवन देने वाली पूर्ण सलिल मां शिप्रा में कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर शहर सहित शहर के बाहर से आए हजारों लोगों ने दीपदान कर परिवार की सुख समृद्धि की कामना की। वही मंगलवार सुबह शिप्रा के संपूर्ण घाटों पर दीपदान के निर्मली सामग्री बड़ी मात्रा में देखने को मिली वही भारी मात्रा में निर्माल्य एवं पूजन समांग्री शिप्रा नदी के पानी जमा होगई। चारो तरफ गंदगी पसरी हुई थी।
नदी के पानी में मिला निर्माल्य पूजन सामग्री तेल की बोतले कपड़े पसरी गंदगी..रेलिंग पर टंगे कपड़े बड़ा रहे थे शान..भक्त कर रहे स्नान…
लेकिन पूरे घाट पर दूसरे दिन सुबह एक भी निगम का कर्मचारी घाटों की सफाई करते हुए नजर नहीं आया जहां तक नजर गई वहां तक घाटों पर निर्माल्य पूजन सामग्री तेल की बोतले कपड़े नदी के पानी में भारी मात्रा में मिलती नजर आ रही थी। वही घाटों पर नदी किनारे लगे रेलिंग पर कपड़े टंगे दिखाई दे रहे थे । आज भी श्रद्धालुओं को घाटों पर स्नान करने के लिए पहुचे जिन्हे स्नान के लिए पानी में से हाथों से निर्माल्य सामग्री को हटाना पड़ा। नगर निगम द्वारा लगभग तीन दर्जन से भी अधिक कर्मचारी शिप्रा के घाटों एवं नदी के पानी की सफाई के लिए लगाए गए हैं लेकिन घाटों की स्थिति देखकर ऐसा लगता है कि केवल फाइलों पर ही कर्मचारी का काम काज नेता गिरी पर चल रहा हैं जिसका सीधा उधारण आज शिप्रा तट पर साफ दिखाई दे रहा है।
राम भरोसे हिन्दू होटल की तर्ज पर जारी निगम का काम….घाटों के पुजारियों का कहना कोई कोई नई बात…
वही वहां मौजूद पुजारियों का आरोप है की वरिष्ठ अधिकारियों को कई बार नदी एवं घाट की सफाई व्यवस्था को लेकर कई बार समय-समय पर अवगत कराया गया है लेकिन उसके बाद भी घाटों पर किसी तरह की व्यवस्थाएं दुरुस्त नहीं की जाती है। बस कभी कभार खानापूर्ति तर्ज पर काम किया जाता है और शिप्रा नदी घाट की सफाई व्यवस्था के नाम पर रामभरोंसे हिंदू होटल की तर्ज पर काम का चल रहा है।
रिपोर्ट विकास त्रिवेदी