खाद में मिट्टी पर हंगामा : कहीं किसी साजिश का हिस्सा तो नहीं..?
ब्रह्मास्त्र उज्जैन। कृषि उपज मंडी कार्यालय के पास पराग ट्रेडर्स पर 2 दिन पहले पोटाश खाद में मिट्टी मिलाने की शिकायत और हंगामे को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हैं। इस मामले में कुछ नए तथ्य सामने आए हैं, जो इस हंगामे के पीछे किसी षड्यंत्र की ओर इशारा कर रहे हैं। सच्चाई क्या है यह तो जांच का निर्णय आने के बाद ही पता चलेगा।
बताया जा रहा है कि पराग ट्रेडर्स प्लास्टिक आइटम का भी व्यवसाय करता है। जिस पोटाश खाद में मिट्टी की मिलावट बताई गई, वह मिट्टी न होकर मोलासिस रॉब है, जो पोटाश (पी डी एम) का घटक तत्व है। कृषि विभाग के अधिकारियों ने नियमानुसार खाद का सैंपल लेकर प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजा है। खाद विक्रय केंद्र पर जो हंगामा किया गया , पूर्णतः विधि विरुद्ध था और जानबूझकर गलत आशय से किया गया था। इस तरह राजनैतिक दबाव डालकर विक्रेता फर्म को आतंकित कर वातावरण को दूषित कर फर्म को बदनाम करने का प्रयास किया गया। जिस खाद को व्देष पूर्ण भावना से अमानक व नकली बताया गया, वह शासन की विधिवत अनुमति प्राप्त कर शासकीय नियमानुसार विक्रय किया जाना बताया जा रहा है। सभी प्रकार का रासायनिक खाद रॉक फास्फेट से बनाया जाता है। जिसे बोलचाल की भाषा में मिट्टी बोल दिया जाता है। इससे भ्रम उत्पन्न होता है। यह भी माना जा रहा है कि किसानों के साथ किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी नहीं की गई, क्योंकि जो खाद विक्रय की जा रही है वह पक्के बिल से खरीद कर पक्के बिल से ही बेची जा रही है और निर्धारित मूल्य (एमआरपी )पर या उससे कम कीमत पर विक्रय की जा रही है। खाद का उपयोग किए बिना या प्रयोगशाला में जांच करवाए बिना उसे अमानत या नकली बताना वैसा ही हास्यास्पद है,जैसा बिना खाए वस्तु का स्वाद बताना।