इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास और माँग के अनुरूप इंदौर में अपनी वेयरहाउसिंग क्षमता का विस्तार कर रहा एलपी लॉजिसाइंस
इंदौर। प्रतिष्ठित लीलाधर पासू ग्रुप की कॉन्ट्रैक्ट लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउसिंग शाखा, एलपी लॉजिसाइंस को भारत के तेजी से बढ़ते आर्थिक क्षेत्रों में से एक, इंदौर में अपनी क्षमता के विस्तार की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है। एनएच 47 मुंबई-आगरा राजमार्ग के समीप स्थित इंडस्ट्रियल शहरों- पीथमपुर और देवास के साथ ही इंदौर शहर मुंबई और नासिक सहित भोपाल से भी बेहतरी से जुड़ा हुआ है।
वर्तमान में, एलपी लॉजिसाइंस 1000 पैलेट पोज़िशन्स की क्षमता वाले मल्टी-यूज़र वेयरहाउस का संचालन करता है, जो 1.4 लाख वर्ग फुट से अधिक क्षेत्र में फैला हुआ है। यह वेयरहाउस एफएमसीजी, कॉस्मेटिक्स और बेवरेज क्षेत्रों के ग्राहकों को सेवाएँ प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है, और साथ ही मध्य प्रदेश के पश्चिमी भाग में एक महत्वपूर्ण वितरण केंद्र के रूप में कार्य करते हुए मासिक आधार पर 16 लाख यूनिट्स को कुशलतापूर्वक संभालता है।
प्रमुख रूप से इस वृद्धि का श्रेय इंदौर की सुदृढ़ आर्थिक प्रोफाइल, रणनीतिक स्थान और क्षेत्र में ट्रांसपोर्टेशन इंफ्रास्ट्रक्चर के सुनियोजित विकास को जाता है। भारतीय वेयरहाउसिंग मार्केट पर हालिया रिपोर्ट के अनुसार, इंदौर ने वित्त वर्ष 2023 में 0.14 मिलियन वर्ग मीटर (1.5 मिलियन वर्ग फीट) का वेयरहाउसिंग लेनदेन वॉल्यूम दर्ज किया, जबकि वित्त वर्ष 2019 में यह 0.05 मिलियन वर्ग मीटर (0.5 मिलियन वर्ग फीट) था। इस प्रकार, विगत चार वर्षों में इसमें 208% की वृद्धि दर्ज की गई है। वित्त वर्ष 2023 में, विनिर्माण व्यवसायियों द्वारा वेयरहाउसिंग के स्थान की माँग में अधिकता देखी गई, जिसमें सिर्फ इंदौर क्षेत्र में ही कुल लेनदेन मात्रा का 51% शामिल रहा।
इंदौर-देवास क्लस्टर एक प्रमुख वेयरहाउसिंग हब बनाता है और इसमें वित्त वर्ष 2023 में लीजिंग वॉल्यूम का 81% हिस्सा शामिल है। इसके साथ ही, इसमें रिटेल, एफएमसीडी और थर्ड-पार्टी लॉजिस्टिक्स जैसे क्षेत्रों की आपूर्ति करने वाले वेयरहाउसेस भी शामिल हैं। देवास नाका को शहर का पहला वेयरहाउसिंग क्लस्टर माना जाता है, क्योंकि यह 3×3 लेन सड़कों के बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर से सुसज्जित है। वहीं, पीथमपुर एक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर है, जिस पर ऑटोमोबाइल सेक्टर का दारोमदार है। इसे केंद्र सरकार द्वारा इंडस्ट्रियल इंफ्रास्ट्रक्चर अप-ग्रेडेशन स्कीम (आईआईयूएस) के कार्यान्वयन के लिए चिन्हित किया गया है। इसके अलावा, यह दिल्ली मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (डीएमआईसी) प्रभाव क्षेत्र के अंतर्गत आता है और इसमें भारत का पहला हरित क्षेत्र परिचालन एसईजेड है।
इस लगातार बदलते परिवेश में, एलपी लॉजीसाइंस खुद को एक प्रमुख कंपनी के रूप में स्थापित करने में सक्षम रहा है, जो मध्य प्रदेश के लॉजिस्टिक्स क्षेत्र के विकास में योगदान देने के लिए तत्पर है। प्रतिष्ठित लीलाधर पासू समूह की सहायक कंपनी, एलपी लॉजिसाइंस की नींव एक दशक पहले रखी गई थी, तब से यह लगातार विकसित हो रहा है और सालाना 20%-25% की प्रभावशाली दर से बढ़ रहा है।
इंदौर में अपने वेयरहाउस के विकास पर चर्चा करते हुए, श्री वरुण गडा, डायरेक्टर, एलपी लॉजीसाइंस, ने कहा, “इंदौर में विकास की अपार संभावनाएँ हैं। राष्ट्रीय और स्थानीय विकास के माध्यम से ग्रेड ए बिल्ट-टू-सूट वेयरहाउसिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास की सुविधा मिली है। वित्त वर्ष 2023 में, इंदौर बाजार में ग्रेड ए वेयरहाउसेस को किराए पर लेने के प्रमुख स्रोत के रूप में देखा गया, जिसमें लीजिंग वॉल्यूम का 64% हिस्सा शामिल था। हम इंदौर में अपने अत्याधुनिक मल्टी-यूज़र वेयरहाउस प्लांट के माध्यम से एफएमसीजी और एफएंडबी क्षेत्रों में अपने ग्राहकों की बढ़ती माँग को पूरा करने के लिए उत्साहित हैं। हम अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी और सुदृढ़ संचालन को अपनाने वाले अत्याधुनिक वेयरहाउसेस के निर्माण के लिए भी तत्पर हैं, जो इस वर्ष के लिए हमारे व्यावसायिक लक्ष्यों के अनुरूप है।”
एलपी लॉजिसाइंस का बिजनेस मॉडल उन्नत टेक्नोलॉजी से परिपूर्ण है, जो कस्टमाइज़्ड और सुदृढ़ वेयरहाउसिंग समाधान प्रदान करता है। कंपनी एनर्जी और रिसोर्स ऑप्टिमाइजेशन के लिए स्थायी प्रथाओं को शुरू करने के लिए भी प्रतिबद्ध है, जिसमें डिस्ट्रीब्यूशन के लिए इलेक्ट्रिक व्हीकल को शामिल करने की भी योजना है। एलपी लॉजिसाइंस भारत के संपन्न वेयरहाउसिंग क्षेत्र में योगदान देना ही जारी नहीं रखे हुए है, बल्कि यह लॉजिस्टिक्स इंडस्ट्री में नए मानक स्थापित करने और वेयरहाउसिंग और लॉजिस्टिक्स के क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए भी समर्पित है।