स्लग-एमपीईबी का अस्टिेंड इंजीनियर हुआ ट्रैप कनेक्शन के नाम पर मांगी थी 12 हजार की रिश्वत
दैनिक अवंतिका उज्जैन। इंदौरगेट पर मंगलवार शाम लोग उस वक्त हैरत में पकड़ गये, जब एक्टिवा पर आये एक युवक को दूसरे व्यक्ति से कुछ देर चर्चा के बाद पुलिस स्टाइल में घेराबंदी कर चार से पांच लोगों ने पकड़ा। जानकारी सामने आई कि मामला रिश्वत मांगने से जुड़ा है और युवक को पकड़ने वाले लोकायुक्त टीम के सदस्य है, तो लोगों की भीड जमा हो गई।
लोकायुक्त डीएसपी राजेश पाठक ने बताया 25 नवबंर को ग्यारसीनगर में रहने वाले राधेश्याम सिसौदिया ने कार्यालय आकर पुलिस अधीक्षक अनिल विश्वकर्मा को शिकायत दर्ज कराई थी कि वह बिजली ठेकेदार है, उसने दीपावाली के पूर्व नई सड़क ोन कार्यालय में आनंदगंज की िारी स्थित तृप्ती गुप्ता की होटल में 9 किलो वॉट का व्यवसायिक बिजली कनेक्शन लेने के लिये आवेदन दिया था। एमपीईबी का अस्टिेंड इंजीनियर मणिशंकर मनी 12 हजार की रिश्वत मांग रहा है। जिसमें 11 हजार उसके और एक हजार रूपये लाइनमेन को देने की बात कही गई है। पुलिस अधीक्षक ने रिश्वत मांगने की शिकायत का सत्यापन करने के निर्देश जारी किये। 2 दिन पहले शिकायत की पुष्टि हो गई। अस्टिेंट इंजीनियर मणिशंकर मणी की कॉल रिकॉर्डिंग सामने आने के बाद उसे रंगेहाथ पकड़ने का प्लान तैयार किया गया और मंगलवार शाम पूर्णानंद गणेश मंदिर इंदौरगेट चौराहा चाय की दुकान के पास रेलवे कालोनी की बांउड्रीवाल के समीप से रंगेहाथ पकड़ लिया। जिसे कार्रवाई के लिये देवासगेट थाने लाया गया। जहां लोकायुक्त टीम के डीएसपी सुनील तालान, निरीक्षक दीपक शेजवार, आरक्षक हितेश, नीरज, महेन्द्र, इसरार ने मामले में एमपीईबी के अस्टिेंट इंजीनियर मणिशंकर के खिलाफ रिश्वत लेते रंगे हाथ ट्रेप होने की दस्तावेजी कार्रवाई को पूरा करते हुए भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा में प्रकरण दर्ज किया।
ठेकेदार को कॉल कर बुलाया था इंदौरगेट
रिश्वत मांगने की शिकायत करने वाले राधेश्याम सिसौदिया ने बताया कि वह 15 सालों से बिजली विभाग में ठेकेदारी कर रहा है। अस्टिेंट इंजीनियर कुछ समय पहले ही नई सड़क एमपीईबी में पदस्थ हुआ है। उसने रिश्वत की रािश लेने के लिये मोबाइल पर कॉल कर इंदौरगेट आने के लिये कहा था। जहां पहुंचने के बाद उसने रिश्वत के 12 हजार रूपये दिये और लोकायुक्त को सिर पर हाथ फेर इशारा दिया। राधेश्याम का कहना था कि मणिशंकर दीपावली के पहले से कनेक्शन की फाइल आगे नहीं बढ़ा रहा था, उसका कहना था कि पहले ही लोड़ अधिक है, जांच करूंगा तो और अधिक लोड़ होना सामने आयेगा। इसलिये 12 हजार रूपये देना पड़ेगें।
एमपीईबी अधिकारियों को लिखेगें पत्र
लोकायुक्त डीएसपी राजेश पाठक ने बताया कि अस्टिेंट इंजीनियर को रंगेहाथ 12 हजार की रिश्वत लेते पकड़ा गया है। उसके खिलाफ विभागीय कार्यवाही के लिये एमपीईबी अधिकारियों को पत्र लिया जाएगा। वहीं मामले में दस्तावेजों की कार्रवाई जल्द पूरी कर चालान विशेष न्यायालय में लगाया जाएगा।