कीचन का बजट बिगड़ रहा, आटे के दाम भी बढ़ गए तो तड़के की लहसुन भी महंगी हो गई
दैनिक अवंतिका उज्जैन।
मौसम में ठंडक क्या हुई खाने-पीने की चीजों के भावों में गरमी आ गई है। महंगाई के चलते लोगों के कीचन का बजट थोड़ा बिगड़ता नजर आ रहा है। सब्जी से लेकर दाल तक सब महंगे है। बाजार में आटे के दाम भी बढ़े है तो तड़के लिए सबसे जरूरी लहसुन भी इन दिनों महंगी मिल रही है।
सब्जी में सबसे खास लाल टमाटर फिर महंगा हुआ है। अभी टमाटर के दाम 50 रुपए किलो तक पहुंच गए है और आगे बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। मावठा गिरने से बाजार में खाने-पीने की चीजों के दाम पर असर होना बताया गया है। सब्जी विक्रेताओं और व्यापारियों का कहना है कि मावठे गिरने से एक मात्र गेहूं की फसल को जरूर लाभ हुआ है लेकिन सब्जियां व अन्य फसलें इसकी चपेट में आ गई है। बाजार में अभी सब्जी की बात करे तो टमाटर, बटले, भिंडी, गिल्की सब महंगे बिक रहे हैं। 20-30 रुपए किलो मिलने वाला टमाटर अब 50 रुपए किलो तक पहुंच गया है। बटला भी 20 रुपए किलो में मिल जाता है लेकिन अभी कई जगह पर 40 रुपए किलो तक भाव है। हरी सब्जियों पर असर दिखा देने से भाव में महंगे की खबर चल रही है। रोजमर्रा की चीजों के दाम में
बढ़ने से खानपान में बदलाव रोजमर्रा की चीजों के दाम बढ़ने से आम लोगों के खानपान में बदलाव के दिन आ गए। लोग महंगी सब्जी को छोड़कर अभी सस्ती सब्जियों से ही काम चला रहे हैं। बेमौसम की इस बारिश ने रोजमर्रा की खाद्य वस्तुओं के भावों में भारी इजाफा कर लोगों के खर्चें कम करवा दिए है। आम लोगों का भोजन, चाय-पानी तक फिलहाल महंगा है। दाल 200 रुपए किलो तो लहसुन मंडी में 300 के भाव में बिक रही
200 रुपए किलो वाली तुवर दाल महंगी है तो सब्जी के तड़के वाली लहसुन भी कृषि उपज मंडी में 300 रुपए किलो के ऊंचे भाव बिक रही है। इससे आम लोगों का घरेलू बजट बिगड़ रहा है। इधर बाजार से तैयार वस्तु में आटा अधिक बिक रहा है। 32 से 35 रुपए किलो के भाव पर आटा बिकता है। इसके भाव में परिवर्तन सुबह-शाम में भी होता रहता है। उज्जैन में ग्वालियर, अशोक नगर तरफ से तादाद में तैयार आटा बिकने आता है, यह सस्ता होता है, ऐसा बताया जाता है।