अगहन में निकली महाकाल का शाही सवारी – पूरे सवारी मार्ग पर फूलों की वर्षा व रंगोली बनाकर किया राजाधिराज का स्वागत
दैनिक अवंतिका उज्जैन। अगहन मास में भगवान महाकाल की उज्जैन में सोमवार को शाही सवारी निकली। संपूर्ण सवारी मार्ग पर रजाधिराज महाकाल का फूलों की वर्षा व रंग-बिरंगी रंगोलियां बनाकर भक्तों ने किया।
सवारी शाम 4 बजे मंदिर से निकलना शुरू हुई। इसके पूर्व सभामंडप में महाकाल के स्वरूप श्री चंद्रमौलेश्वर की चांदी की प्रतिमा का शासकीय पुजारी पंडित घनश्याम गुरु ने पूजन-अर्चन किया। पूजन में एडीएम संतोष टेगोर, मंदिर के सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल, पूर्णिमा सिंघी, सहायक प्रशासनिक अधिकारी आरके तिवारी आदि शामिल हुए। अधिकारियों ने चांदी की पालकी में विराजे भगवान महाकाल को नगर भ्रमण के लिए रवाना किया। बाहर पुलिस चौकी पर सशस्त्र जवानों ने महाकाल को सलामी भी दी। महाकाल मंदिर से सवारी गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी होते हुए शिप्रा तट रामघाट पहुंची जहां राणौजी की छतरी के सामने पालकी रोककर भगवान महाकाल का शिप्रा के जल से अभिषेक किया गया। यहां पूजन पुजारी आशीष गुरु ने कराया।
शाही रूट से निकली शाही सवारी, मार्ग में आरती-पूजन
रामघाट से सवारी गणगौर दरवाजा, कार्तिकचौक, सत्यनारायण मंदिर, ढाबारोड, तेलीवाड़ा, कंठाल चौराहा, सतीगेट, सराफा, छत्रीचौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार, गुदरी होते हुए वापस महाकाल मंदिर पहुंचकर समाप्त हुई।
सवारी में घोड़े, पुलिस का बैंड भजन मंडली व पुजारी शामिल
सवारी में आगे पुलिस बैंड, घुड़सवार दल, सशस्त्र जवानों की टुकड़ियां, प्रवीण मादुस्कर आदि की मंडलियां भजन-कीर्तन करते हुए पैदल निकली। बीच में भगवान महाकाल की पालकी थी। मार्ग में जगह-जगह पालकी का आरती-पूजन किया गया। पालकी के साथ पुजारी आकाश गुरु आदि पुजारी चल रहे थे।
अब अगले वर्ष 2022 में श्रावण में निकलेगी महाकाल सवारी
कार्तिक-अगहन मास के क्रम में यह चौथी व आखिरी शाही सवारी थी। अब अगले वर्ष 2022 में श्रावण मास में महाकाल की सवारियां निकलेगी। श्रावण के बाद भादौ मास में सवारी निकलेगी।