शेरनी बेटी का..video..दबंगी बेटी संभालेगी करणी सेना..
इंदौर/जयपुर। राजपूत करणी सेवा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी के घर में घुस गोली मारकर हत्या कर देने के बाद अब करणी सेना की कमान उनकी आठवीं क्लास में पढ़ने वाली बेटी उर्वशी संभालने जा रही है। कोई इसे शेरनी तो कोई दबंगी कहकर बुला रहा है। अपने पिता की हत्या के मात्र तीन दिन में उर्वशी ने अपने आप को संघर्ष करने के लिए तैयार कर लिया है। बेखौफ अंदाज में वह कहती है कि मैं राजनीति में आऊंगी और जनता की सेवा करूंगी। फिर चाहे वह कोई भी वर्ग या समाज हो। वायरल वीडियो में उर्वशी अपना परिचय देते हुए कहती है कि ” मैं उर्वशी शेखावत सुखदेव सिंह गोगामेडी की बेटी। आज सब इकट्ठे हुए हैं क्योंकि मेरी जो पापा है सुखदेव सिंह गोगामेडी, उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई है, गद्दारों द्वारा। मेरे पापा ने पहले भी प्रशासन को बहुत बार कहा था कि मुझे सुरक्षा दी जाए क्योंकि मुझे बहुत धमकी आ रही है।
करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेडी की हत्या के बाद मात्र आठवीं कक्षा में पढ़ने वाली शेरनी बेटी उर्वशी का वीडियो वायरल…
पाकिस्तान से तथा और भी कई देशों से। पंजाब पुलिस वालों ने भी बहुत बार कहा था राजस्थान के प्रशासन को कि सभी को सुरक्षा दी जाए, लेकिन कोई ने भी नहीं दी और इसी का फल हम सब देख सकते हैं। मेरे पापा के बहुत सारे जैसे सपने हैं जो मैं पूरे प्रयास करूंगी। उन्होंने हमेशा मुझे एक बेटे की तरह समझा। मतलब बेटा ही बोलते थे और ऐसे बोलते थे तुम मेरी बेटी नहीं हो। मैं बेटा ही मानता हूं। अगर मैं नहीं रहूं तो मेरी जगह हमेशा काम करना। जैसे वह दिन-रात हमेशा सर्व समाज के लिए खड़े रहते थे, अब उनकी जगह मेरी मम्मा वैसे तो बहुत खड़ी रहती है, वह बहुत सहनशील हैं और खड़ी ही रहेगी। लेकिन ,मैं भी यह कह रही हूं कि जहां मेरी माता -बहनों को और मेरे दादा- दादीसा को अगर कोई को मेरी जरूरत पड़े तो मैं रात को भी वहां खड़ी मिलूंगी। अब इन्होंने जैसे पुलिस इधर चारों तरफ देख सकते हैं, पुलिस ही पुलिस है, लेकिन तब इन्होंने कोई भी सुरक्षा नहीं दी। मेरे पापा को भी कोई सुरक्षा नहीं प्रदान की गई। इसी का फल आज यह सब है।
“मैं संभालूंगी करणी सेना की कमान पूरा करूंगी पापा का हर सपना”
मेरे पापा कहते थे कि राजनीति में हमेशा तुम्हें आगे ही रहना है और मैं यह सपना पूरी तरह से पूरा करूंगी। मेरा एक ही गोल है जो है पॉलिटिक्स। अब मैं भी उन्हीं की जगह राजनीति में आऊंगी। जैसे मेरे पापा करनी सेना हो या सर्व समाज हो या फिर राजनीति हो मैं हर एक चीज में अब आगे ही रहूंगी। जो काम मेरे पापा ने किया था,अब जैसे गरीब, दलित समाज के लोग हैं उनके साथ भी बहुत अत्याचार होता है। उनके साथ भी हमेशा मेरे पापा खड़े रहे हैं तो मैं भी खड़ी रहूंगी।मेरी बहन अभी छोटी है। वह फर्स्ट क्लास में है। मम्मा से बात हुई थी। उन्होंने तो यही बोला है कि ठीक है, अब रोने से तो कुछ नहीं होगा। अब राजनीति में ही बस आगे आना है और जो पापा ने नाम बनाया वह हमें बनाना है।